मुंबई: महाराष्ट्र के आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले राज्य की सियासत में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। पूर्व सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व वाली स्वाभिमानी पार्टी ने आधिकारिक तौर पर महाविकास आघाड़ी (MVA) के उम्मीदवारों को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी है। यह फैसला सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
महंगाई और भ्रष्टाचार को बनाया मुख्य मुद्दा
स्वाभिमानी पार्टी के नेता राजू शेट्टी ने विधान परिषद में कांग्रेस नेता सतेज पाटिल को लिखे एक पत्र में अपने इस निर्णय के पीछे के ठोस कारणों को स्पष्ट किया है। शेट्टी ने कहा कि आज देश और राज्य के लोग बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और कुप्रशासन से त्रस्त हैं। उन्होंने सत्तारूढ़ दलों पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि विकास के नाम पर भ्रष्टाचार चरम पर है, जिसका खामियाजा सीधे तौर पर गरीब और आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
क्यों दिया MVA को समर्थन?
शेट्टी के अनुसार, महाविकास आघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना-UBT और NCP-शरद पवार गुट) के उम्मीदवार जनहित के मुद्दों को उठाने और शहरी नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि जनविरोधी नीतियों के कारण वर्तमान सरकार की नीतियों के कारण आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है। इसलिए महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए विपक्षी एकजुटता जरूरी है। निकाय स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए स्वाभिमानी पार्टी राज्यभर में MVA का साथ देगी।
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15 जनवरी को होगा शक्ति परीक्षण
महाराष्ट्र के 29 नगर निकायों के लिए होने वाले यह चुनाव राज्य की भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेंगे।
महायुति (भाजपा, राकांपा-अजीत पवार और शिवसेना-शिंदे गुट) और महाविकास आघाड़ी के बीच होने वाले इस कड़े मुकाबले में स्वाभिमानी पार्टी का समर्थन ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।