लाडकी बहिन योजना (डिजाइन फोटो)
Ladki Bahin Yojana Update: महाराष्ट्र सरकार की ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन’ योजना के तहत बड़ा फैसला सामने आ सकता है। ई-केवाईसी अनिवार्य किए जाने के बाद तय समयसीमा तक प्रक्रिया पूरी नहीं करने वाली करीब 40 लाख महिलाओं को योजना से बाहर किया जा सकता है।
अगर ऐसा हुआ तो इन लाभार्थियों को अब एक भी किस्त नहीं मिलेगी। स्थानीय निकाय चुनावों का अहम चरण पूरा होने के बाद एक बार फिर लाडली बहन योजना चर्चा में आ गई है। विधानसभा चुनाव से लेकर हाल ही में हुए नगर परिषद और नगर पालिका चुनावों तक यह योजना महायुति सरकार के लिए गेम-चेंजर साबित हुई थी।
हालांकि अब इसी योजना के लाभार्थियों की संख्या में बड़ी कटौती की तैयारी की जा रही है। लाडकी बहन योजना की 40 लाख से ज्यादा लाभार्थी महिलाएं फिलहाल अपात्रता की कगार पर हैं। राज्य सरकार ने पात्र महिलाओं के लिए 31 दिसंबर तक ई-केवाईसी पूरा करना अनिवार्य किया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अब तक केवल 1 लाख 60 हजार महिलाओं ने ही ई-केवाईसी पूरी की है। ऐसे में तय समयसीमा तक प्रक्रिया पूरी नहीं करने वाली महिलाओं को अपात्र घोषित किया जा सकता है।
राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना शुरू की थी, जिससे महायुति को बड़ा राजनीतिक फायदा मिला। लेकिन बाद में सामने आया कि योजना में बड़ी संख्या में अपात्र और फर्जी खाते शामिल हो गए थे। यहां तक कि कुछ सरकारी कर्मचारियों द्वारा भी योजना का लाभ लेने के मामले सामने आए। इन गड़बड़ियों के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य करने का फैसला लिया।
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पहले लाभार्थियों को 18 नवंबर तक ई-केवाईसी पूरी करने की मोहलत दी गई थी। हालांकि राज्य के कई हिस्सों में आई प्राकृतिक आपदाओं और अन्य व्यावहारिक कारणों को देखते हुए सरकार ने इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया। अब यह समयसीमा दोबारा बढ़ेगी या 40 लाख महिलाओं को अपात्र घोषित किया जाएगा, इस पर अगले दो हफ्तों में फैसला होने की संभावना है।