12वीं में सफलता का ताज बेटियों के सिर (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडल द्वारा आयोजित बारहवीं (उच्च माध्यमिक प्रमाणपत्र – कक्षा 12वीं) परीक्षा में इस वर्ष कुल 91.88 प्रतिशत छात्र सफल घोषित हुए हैं। लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 5.07 प्रतिशत अधिक सफलता प्राप्त की है। इस अवसर पर राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने छात्रों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों को शुभकामनाएं दी हैं और छात्रों से अपने रुझान और पसंद के अनुसार भविष्य का मार्ग तय करने की अपील की है।
मंत्री भुसे ने कहा कि बारहवीं की परीक्षा छात्रों के शैक्षणिक जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण है। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने का मार्ग खोला है। यह एक ऐसा अवसर है, जिससे छात्र स्वयं की और देश की प्रगति में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह परीक्षा कोई अंतिम मंजिल नहीं है। जिन छात्रों को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है, वे निराश न हों, बल्कि नए जोश के साथ दोबारा प्रयास करें।
बारहवीं की परीक्षा 11 फरवरी से 18 मार्च 2025 के बीच आयोजित की गई थी। इसका परिणाम 5 मई 2025 को माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडल के अध्यक्ष शरद गोसावी और सचिव देविदास कुलाळ द्वारा घोषित किया गया। इस वर्ष कुल 14,27,085 नियमित छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से 14,97,969 छात्र परीक्षा में सम्मिलित हुए और 13,02,873 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। कुल उत्तीर्णता प्रतिशत 91.88 है। जो छात्र इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं, उन्हें अपने अंकों या श्रेणी में सुधार का अवसर मिलेगा।
वे आगामी तीन परीक्षाओं जैसे जून-जुलाई 2025, फरवरी-मार्च 2026, जून-जुलाई 2026 में शामिल होकर सुधार का प्रयास कर सकते हैं। मंडल ने स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं छात्रों को यह अवसर मिलेगा जो फरवरी-मार्च 2025 की परीक्षा में एक ही प्रयास में सभी विषयों में पास हुए हैं। मंत्री भुसे ने कहा कि जिन छात्रों को इस बार सफलता नहीं मिल पाई है, वे निराश न हों, बल्कि दृढ़ संकल्प और परिश्रम से दोबारा प्रयास करें।
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इस परीक्षा में राज्यभर से 7,310 दिव्यांग छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 7,258 छात्र परीक्षा में शामिल हुए और 6,705 छात्र उत्तीर्ण हुए। दिव्यांग छात्रों की सफलता दर 92.38% रही।