एयर इंडिया (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए ने एयर इंडिया से हुई गंभीर लापरवाही और चूक के कारण उसके एक डिवीजनल उपाध्यक्ष सहित तीन अधिकारियों को चालक दल कार्य दायित्व से संबंधित सभी भूमिकाओं से हटाने का आदेश दिया।
12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, डीजीसीए ने यह बड़ा फैसला लिया है। डीजीसीए ने एयर इंडिया से कहा कि वह अपनी शेड्यूलिंग प्रक्रियाओं में सुधार करें ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही और चूक दोबारा न हो। डीजीसीए ने यह स्पष्ट किया कि उड़ान सुरक्षा को लेकर अब कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने 20 जून को अपने आदेश में टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एयरलाइन से इन अधिकारियों के खिलाफ बिना देरी किए आंतरिक अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के भी आदेश दिए। डीजीसीए के आदेश के अनुसार, 3 अधिकारियों में एयरलाइन के एक डिवीजनल उपाध्यक्ष भी मुख्य रूप से शामिल हैं।
एयरलाइन ने शनिवार को कहा, ”कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी एकीकृत परिचालन नियंत्रण केंद्र (IOCC) की सीधी निगरानी करेंगे। एयर इंडिया यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानक प्रथाओं का पूरी तरह से पालन हो।”
डीजीसीए ने अपने आदेश में कहा, ”एयर इंडिया ने लाइसेंस और आराम संबंधी आवश्यकताओं में चूक के बावजूद विमान चालक दल की कार्यसूची और संचालन के संबंध में स्वैच्छिक रूप से गंभीर उल्लंघनों का खुलासा किया गया है।” नियामक ने कहा कि ये अधिकारी कार्य दायित्व प्रोटोकॉल और निरीक्षण में प्रणालीगत विफलताओं सहित गंभीर चूकों में शामिल रहे हैं।
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डीजीसीए ने एयर इंडिया को यह भी चेतावनी दी है कि भविष्य में चालक दल के कार्य दायित्व में उल्लंघन करने पर लाइसेंस निलंबन और परिचालन प्रतिबंध सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीजीसीए का ताजा निर्देश ऐसे समय में आया है जब पिछले सप्ताह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना के बाद एयरलाइन कड़ी जांच के दायरे में है।