मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (सौ. सोशल मीडिया )
CM Devendra Fadnavis Statement On Nikaay Chunaav: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रियों के ऑडिट को लेकर कहा कि राज्य में अभी सरकार को एक साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही मंत्रियों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद फेरबदल पर निर्णय लिया जा सकता है।
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार या किसी मंत्री को हटाने का कोई विचार नहीं है। सरकार इस समय स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह ऑडिट सिर्फ कार्य की समीक्षा के लिए किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि महानगरपालिका चुनावों में उसे हार साफ नजर आ रही है। इसलिए विपक्ष मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठा रहा है। उन्हें चुनाव मुश्किल लग रहे हैं। लेकिन जब चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियां अंतिम रूप से तैयार की थीं और आपत्ति तथा सुझाव मांगे गए थे। तब इन्होंने एक भी आपत्ति क्यों नहीं दर्ज करवाई?
मुख्यमंत्री ने मजाकिया लहजे में कहा कि अब तो चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार, चाहे किसी भी पार्टी के हों, इतने तैयार हैं कि अगर चुनाव न कराए गए तो वे मारने को दौड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मुंबई महानगरपालिका का चुनाव हम महायुति के रूप में ही लड़ेंगे।
अन्य स्थानों पर स्थानीय परिस्थिति के अनुसार स्वतंत्र रूप से भी चुनाव लड़ सकते हैं। चुनावों के बाद हम फिर से महायुति के रूप में एक साथ आएंगे, विपक्ष को विधानसभा चुनाव में मिली जीत देखकर अब स्थानीय निकाय चुनाव मुश्किल लग रहे हैं, इसलिए वे पहले से ही हार का ठीकरा मतदाता सूची पर फोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि अगर चुनाव छह महीने और टल जाएं, तो वे सरकार के कामकाज पर सवाल उठाकर चुनाव में फायदा ले सकते हैं। लेकिन उनका सरकार को घेरने का ख्वाब अधूरा ही रहेगा।
सूचियों में क्या किया गया है, इसके उदाहरण भी हमारे पास हैं, जिन्हें हम मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों के निर्वाचन क्षेत्रों (चुनावी क्षेत्रों) की सामने लाएंगे। बिहार में इन्होंने ही सूची के पुनरीक्षण का विरोध किया था। अब इन्होंने जिन मतदाताओं को गलत बताया, वे सही साचित हुए हैं। इसलिए राहुल गांधी ने अब बिहार में वह मुद्दा ही छोड़ दिया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई महापालिका चुनाव हम महायुति के रूप में लड़ेंगे, लेकिन अन्य जगहों पर स्थानीय परिस्थिति के आधार पर स्वतंत्र निर्णय लिया जाएगा, क्योंकि अगर हम महाद्युति के रूप में लड़ते है ती कुछ जगहों पर विपक्षी दलों को लाभ मिल सकता है। इसलिए रणनीतिक रूप से स्वतंत्र लड़ेंगे और चुनाव जीतने के बाद फिर से महायुति के रूप में एकजुट होंगे। ठाणे महानगरपालिका को लेकर अध्ययन जारी है। उसके बाद ही यह तय किया जाएगा कि वहां महायुति के रूप में चुनाव लहना है या अलग-अलग।