संजय राउत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव में देरी पर अब विपक्ष निशाना साध रहा है। विपक्षी गठबंधन ईडिया के सदस्य दल शिवसेना ने आरोप लगाए हैं कि देश को चलाने वाली पार्टी अपने खुद के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पा रही है। उनका दावा है कि किसी एक नेता के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। फिलहाल, इसे लेकर भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
शिवसेना (यूबीटी) से सांसद संजय राउत ने कहा, ‘एकमत नहीं हो रहा है नाम के ऊपर यह भी सच है।एक पार्टी देश चला रही है, लेकिन अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन नहीं कर पा रही है। यह क्या मामला है, क्या मसला है किसी को नहीं पता।आप चुनाव आयोग को बदल सकते हो, आप सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को बदल सकते हो, आप किसी को भी बदल सकते हो।’
आप देश के उपराष्ट्रपति को घर भेज सकते हो, लेकिन आपकी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन नहीं कर सकती। यह क्या मामला है, देश को पता होना चाहिए।आप कल राष्ट्रपति को भी घर भेजेंगे, जैसे धनखड़ साहब को भेजा है, लेकिन आप अपनी पार्टी का अध्यक्ष नहीं चुन सकते।
फिलहाल, केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा भाजपा की कमान संभाल रहे हैं और इससे पहले उन्हें कार्यकाल विस्तार दिया जा चुका है। यह साफ नहीं है कि भाजपा कब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेगी, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी नया कप्तान चुन सकती है। हालांकि, इसे लेकर भी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
भाजपा ने अब तक संभावित उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं, लेकिन अटकलें हैं कि इस रेस में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान का नाम शामिल है। साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम की भी अटकलें जारी हैं। फिलहाल, पार्टी ने या किसी भी नेता ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।
यह भी पढ़ें – अजित पवार गुट में मचा हड़कंप, NCP जिलाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, एक को किया साइड, दूसरा खुद हुआ साइड
दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी यानी बीजेपी लंबे समय से अपना अगला अध्यक्ष नहीं तय कर पा रही है। यह सवाल जब लोकसभा में अखिलेश यादव ने पूछा था तब गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें करारा जवाब दिया था। अब संजय राउत ने वही यह प्रश्न फिर से उछाल दिया है। ऐसे में देखना अहम होगा कि अमित शाह या बीजेपी को टॉप लीडरशिप की तरफ से क्या जवाब आता है।