मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन (pic credit; social media)
Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को अब महाराष्ट्र में नई रफ्तार मिलने जा रही है। नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने गुरुवार को लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कंपनी के साथ एक अहम करार किया है। इस समझौते के तहत महाराष्ट्र में 157 किलोमीटर लंबे हिस्से पर ट्रैक बिछाने और उससे जुड़े कामों जैसे डिजाइन, सप्लाई, निर्माण, परीक्षण और कमीशनिंग की जिम्मेदारी L&T को सौंपी गई है।
यह हिस्सा मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन से लेकर महाराष्ट्र-गुजरात सीमा के रौली गांव तक फैला होगा। इसमें चार प्रमुख स्टेशन और ठाणे में रोलिंग स्टॉक डिपो शामिल हैं। इस करार के बाद महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को नई गति मिलेगी, जबकि गुजरात में काम पहले से ही तेजी से चल रहा है।
गुजरात में अब तक 200 किलोमीटर से अधिक वायाडक्ट (ऊंचा पुल) पर ट्रैक निर्माण का काम पूरा हो चुका है। अब महाराष्ट्र में निर्माण शुरू होने से परियोजना की रफ्तार दोगुनी होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि परियोजना के तीनों ट्रैक पैकेज भारतीय कंपनियों को ही मिले हैं। यह भारत की हाई-स्पीड रेल तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
इस परियोजना में जापान की शिंकानसेन तकनीक का ‘बैलेस्ट-लेस स्लैब ट्रैक सिस्टम’ अपनाया जा रहा है। यह ट्रैक चार हिस्सों से बना होगा। आरसी ट्रैक बेड, सीमेंट एस्फाल्ट मोर्टार, प्री-कास्ट ट्रैक स्लैब और रेल फास्टनर। इस तकनीक से ट्रेनों की स्पीड और सुरक्षा दोनों को मजबूती मिलेगी।
NHSRCL ने जापान रेलवे टेक्निकल सर्विस के साथ मिलकर भारतीय इंजीनियरों और तकनीशियनों को प्रशिक्षण देना शुरू किया है। गुजरात में 436 इंजीनियर पहले ही ट्रैक इंस्टॉलेशन की बारीकियां सीख चुके हैं और अब महाराष्ट्र में भी इसी तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी।
परियोजना पूरी होने के बाद मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी सिर्फ दो घंटे में तय की जा सकेगी। इससे न केवल उद्योग और व्यापार को नई दिशा मिलेगी, बल्कि यात्रियों को भी तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। साथ ही, भारतीय कंपनियों की भागीदारी से भविष्य में भारत हाई-स्पीड रेल तकनीक का निर्यातक भी बन सकता है।