बीएमसी (pic credit; social media)
BMC Teacher Recruitment Scam: बीएमसी में शिक्षक भर्ती को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि कई बाहरी राज्यों के शिक्षकों ने फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के सहारे न सिर्फ नौकरी पाई बल्कि पदोन्नति का लाभ भी उठाया। इस मामले को उजागर किया है प्रहार शिक्षक संगठन के अध्यक्ष विकास घुगे ने, जिन्होंने यह गंभीर शिकायत सीधे राज्य सूचना आयुक्त राहुल पांडे के समक्ष दर्ज कराई है।
शिकायत के अनुसार, बीएमसी प्रशासन ने बार-बार जानकारी मांगने के बावजूद 370 कर्मचारियों के जाति वैधता प्रमाणपत्र की जानकारी देने में जानबूझकर टालमटोल की। जिसके बाद यह मामला राज्य सूचना आयोग तक पहुंचा। सुनवाई के दौरान आयुक्त पांडे ने बीएमसी को स्पष्ट निर्देश दिए कि आरक्षण का लाभ लेने वाले सभी व्यक्तियों के दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए।
विकास घुगे ने कहा, “हमने पालिका के शिक्षा विभाग से 310 कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी, लेकिन बीएमसी ने जानकारी छिपाई। अब आयोग का आदेश सिर्फ हमारी शिकायत का समाधान नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और ईमानदार उम्मीदवारों की जीत है।”
राज्य सूचना आयुक्त के आदेश के बाद अब बीएमसी पर दबाव बढ़ गया है। आयोग ने यह भी कहा कि सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी को रोकना कानूनी उल्लंघन है। आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया में उपयोग किए गए जाति प्रमाणपत्र, आरक्षण सूची, चयन प्रक्रिया, विकलांगता प्रमाणपत्र और सभी दस्तावेज ऑनलाइन सार्वजनिक किए जाएं।
सूत्रों के मुताबिक, फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी पाने वाले कर्मचारियों से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि इन कर्मचारियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएं और पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच की जाए।
राज्य में यह कोई पहला मामला नहीं है। विभिन्न विभागों में फर्जी जाति और विकलांगता प्रमाणपत्रों के सहारे भर्ती की शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं। अब सूचना आयुक्त के सख्त रुख के बाद बीएमसी समेत अन्य विभागों में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे मिली नौकरियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है।