मुंबई का एक्यूआई (सोर्स: सोशल मीडिया)
AQI Sensors In Mumbai: शहर में वायु प्रदूषण लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। इस वर्ष की शुरुआत में बीएमसी ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी निर्माण स्थलों को निर्देश दिया था कि वे अपने परिसर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की निगरानी के लिए सेंसर स्थापित करें और मुख्य प्रवेश द्वार पर एलईडी बोर्ड लगाएं।
जहां इसकी रोडिंग प्रदर्शित हो सके। इस पहल का उद्देश्य यह है कि जब सेंसर ‘असुरक्षित’ या ‘खराब’ एक्यूआई स्तर दर्ज करें, तो निर्माण कार्य रोका जा सके या पानी का छिड़काव जैसे निवारक उपाय तुरंत शुरू किए जा सकें।
गौरतलब है कि शहर की 3100 निमीगाधीन स्थलों में से केवल 662 स्थलों ने वायु प्रदूषण सेंसर लगाया है जो सिर्फ 21 प्रतिशत है, जबकि 251 अन्य स्थली पर सेसर लगाने की प्रक्रिया जारी है। बता दें कि, बीएमसी ने अपने मुंबई एयर पॉल्यूशन एक्शन प्लान में निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल को शहर की गिरती वायु गुणवत्ता का प्रमुख कारण बताया है।
वहीं बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि वे रियल एस्टेट कंपनियों को सेंसर शीघ्र लगाने के लिए लगातार नोटिस भेज रहे है। एक अधिकारी ने बताया, जो स्थल नियमों का पालन नहीं कर रहे है, उन्हें हम ‘स्टॉप वर्क’ नोटिस भेज रहे है। अब तक हमने मुंबई भर में 53 ऐसे नोटिस जारी किए है।
इसके अतिरिक्त, बीएमसी ने निरीक्षण के लिए 450 कनिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की है। “ये अधिकारी निर्माण स्थलों पर जाकर यह जांच रहे हैं कि सेंसर लगाए गए हैं या नहीं और रीडिंग सही ढंग से प्रदर्शित हो रही है या नहीं।
वे उन स्थलों का भी रिकॉर्ड रख रहे हैं जहां अब तक नियमों का पालन नहीं हुआ है। बीएमसी अधिकारी का कहना है कि, बीते 26 नवंबर से मुंबई के वायु में गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार सुधार दर्ज किया जा रहा है, जबकि पिछले 48 घंटों में यह सुधार उल्लेखनीय रहा है।
हवा की गति 3-4 किमी प्रति घंटा से बढ़कर 10-18 किमी प्रति घंटा तक पहुंचने से भी प्रदूषकों का फैलाव कम हुआ है, जिससे शहर का एक्यूआई स्थिर रूप से बेहतर हो रहा है। बीएमसी ने 15 अक्टूबर 2024 को जारी 28 बिंदुओं वाले व्यापक दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए शहर के सभी वार्डों में 94 फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किए हैं।
ये दल निजी निर्माण परियोजनाओं, सड़क निर्माण और मेट्रो सहित विभिन्न सरकारी परियोजनाओं की नियमित निगरानी कर रहे हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ‘कार्य रोकें’ नोटिस जारी किए गए हैं और आगे भी कार्रवाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
ये भी पढ़ें :- Satara में बड़ा हादसा: नासिक के स्टूडेंट्स की बस गड्ढे में गिरी, कई छात्र हुए घायल