AICC मुंबई के प्रभारी यूबी वेंकटेश ने प्रकाश अंबेडकर से मुलाकात की (सोर्स: सोशल मीडिया)
Congress Vanchit Bahujan Aaghadi Alliance: ठाकरे बंधुओं के साथ आने की घोषणा होने से पहले ही महाविकास आघाड़ी में फूट पड़ गई है। मुंबई में अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी कांग्रेस ने नया एलायंस बनाने की रणनीति बनाई है, उसने प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है और वंचित को 60 सीटों का ऑफर दिया गया है।
इधर शरद पवार की एनसीपी ने कांग्रेस से 53 सीटें मांगी हैं। ऐसे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार अकेले पड़ गए हैं। इस स्थिति में बीएमसी चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होगा। महायुति में बीजेपी शिवसेना (शिंदे गुट)-आरपीआई (आठवले) मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इधर शिवसेना (यूबीटी) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ आने की चर्चा है।
ठाकरे बंधुओं के गठबंधन की घोषणा आज बुधवार को होने वाली है। इधर कांग्रेस ने नया एलायंस बनाने पर काम तेज कर दिया है। हाल ही में नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों में वंचित के प्रदर्शन ने कांग्रेस को आकर्षित किया है।
बीते दिनों मुंबई कांग्रेस की ओर से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सेक्रेटरी यूबी वेंकटेश, मुंबई कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सचिन सावंत और विधायक असलम शेख ने वंचित के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर से मुलाकात की थी। बातचीत सकारात्मक रही।
वंचित से गठबंधन के लिए मुंबई कांग्रेस ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में विधायक अमीन पटेल, पूर्व विधायक मधु चव्हाण और सचिन सावंत शामिल हैं। इस कमेटी के सदस्यों ने मंगलवार को फिर वंचित के नेताओं से बातचीत की। मुंबई में 227 सीटों में से वंचित को 60 सीटें देने की पेशकश की गई है। इधर वंचित की ओर से कहा गया कि हमारी 50-50 के फॉर्मूले पर बातचीत चल रही है।
वरिष्ठ नेता शरद पवार के एनसीपी के नेताओं ने भी मंगलवार को बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस और ढाकरे बंधुओं से गठबंधन पर चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार शरद पवार ने मुंबई में गठबंधन के लिए कांग्रेस से 53 सीटें मांगी है।
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पूर्व मंत्री नवाब मलिक के नेतृत्व में बीएमसी चुनाव लड़ने पर बीजेपी डीसीएम अजित पवार के पार्टी के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर चुकी है। शिवसेना (शिंदे गुट) भी उन्हें साथ लेने को तैयार नहीं है। एसे में अजीत अकेले पड़ गए है। बीजेपी-शिंदे गुट। ठाकरे बंधुओं का गठबंधन और इधर कांग्रेस-वचित-एनसीपी (एसपी) का अलायंस होता है, तो चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला तय है।
नगर परिषदों व नगर पंचायतों के चुनाव में कांग्रेस को फायदा हुआ है। लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों को अच्छी सीटें मिली थी। राजनीति के जानकारों के अनुसार कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती है तो सेक्युलर वोटों का बंटवारा होगा। इससे ठाकरे बंधुओं को नुकसान होगा।