मीठी नदी भ्रष्टाचार में एक 'राजकुमार' शामिल... (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में भाजपा के विधान परिषद सदस्य प्रसाद लाड ने मीठी नदी से गाद निकालने के कार्य में 1,200-1,300 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का सिधा आरोप लगाया है। लाड ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यकाल के दौरान दिए गए ठेकों में अनियमितताओं का दावा किया है। शिवसेना (उबाठा) के नेता आदित्य ठाकरे पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए एमएलसी लाड ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें एक ‘राजकुमार’ शामिल है, लेकिन मैं ठोस सबूत के बिना नाम नहीं लूंगा।
भाजपा नेता ने दावा किया कि मेरी जानकारी के अनुसार, मीठी नदी से गाद निकालने में भ्रष्टाचार के संबंध में 16 लोगों के नाम प्राथमिकी में हैं। पिछले 2 वर्षों में 65 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का संदेह है। लेकिन अगर जांच का दायरा 15 साल तक बढ़ाया जाए तो यह 1,200 करोड़ से 1,300 करोड़ रुपये तक हो सकता है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मीठी नदी से गाद निकालने में 65 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया है। लाड ने कहा कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी ने दावा किया है कि उसने हाल के वर्षों में 1.5 से दो लाख टन गाद हटाने के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
लाड ने सवाल उठाया कि पिछले 15 वर्षों में यह आंकड़ा करीब 30 लाख टन हो गया है। इतनी गाद से आप नवी मुंबई के आकार का इलाका बना सकते हैं। तो फिर गाद असल में कहां फेंकी गई? भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा गाद डालने वाली जगह के रूप में दिखाए गए स्थान पर अब गगनचुंबी इमारतें खड़ी हो गई हैं।
लाड ने दावा किया कि इससे प्रतित होता है कि आधिकारिक रिपोर्टों में इस स्थल की गलत पहचान की गई है। भाजपा एमएलसी ने विदेशी प्रौद्योगिकी की आड़ में बढ़ा-चढ़ाकर बिल बनाने का आरोप भी लगाया है।
प्रसाद लाड ने कहा कि हर बार नदी सफाई के नाम पर जर्मनी, इटली, फ्रांस या स्पेन की नई तकनीक की तरह दिखाई जाती है। अगर इसकी कीमत 100 रुपये है तो इसे 2,000 रुपये में किराए पर लिया जाता है। इन सौदों से बिचौलियों को फायदा होता है। लाड ने दावा करते हुए कहा कि पिछली चिंताओं के बावजूद कई ठेकेदारों को काम मिल गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)