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बदलापुर यौन उत्पीड़न मामला: हाई कोर्ट ने CID को लगाई फटकार, कहा- आप कैसी जांच कर रहे हैं

बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले की सुनावाई के दौरान बंबई उच्च न्यायालय ने आरोपी की मुठभेड़ में मौत की जांच को "हल्के" में लेने के लिए राज्य के अपराध जांच विभाग को सोमवार को कड़ी फटकार लगाई।

  • By आकाश मसने
Updated On: Dec 02, 2024 | 06:16 PM

(कॉन्सेप्ट फोटो)

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मुंबई: ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले की सुनावाई के दौरान बंबई उच्च न्यायालय ने आरोपी की मुठभेड़ में मौत की जांच को “हल्के” में लेने के लिए राज्य के अपराध जांच विभाग (CID) को सोमवार को कड़ी फटकार लगाई।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने सभी मामलों की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में सीआईडी ​​का आचरण संदेह पैदा करता है। साथ ही गलत संकेत देता है कि वह मुठभेड़ की जांच कर रहे मजिस्ट्रेट को सभी जानकारी मुहैया नहीं कराना चाहती है।

इसी साल अगस्त में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर इलाके के एक स्कूल में दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में अक्षय शिंदे (24) को गिरफ्तार किया गया था। 24 सितंबर को पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया था। खंडपीठ ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि सीआईडी ​​की योग्यता के कारण मामले स्थानीय पुलिस से सीआईडी ​​को स्थानांतरित कर दिए जाते हैं।

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मजिस्ट्रेट को सौंपी रिपोर्ट से नाखुश

बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी की मौत की जांच कर रहे मजिस्ट्रेट को सौंपे गए दस्तावेजों और मामले की जांच में कुछ खामियों पर नाखुशी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि “राज्य की सीआईडी ​​इसे इतने हल्के में कैसे ले सकती है? यह हिरासत में मौत से जुड़ा मामला है। आपसे क्या उम्मीद थी और अब आपसे क्या उम्मीद करें।”

मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने कहा कि सीआईडी ​​का आचरण जांच पर संदेह पैदा करता है और एक गलत और प्रतिकूल निष्कर्ष निकलकर आता है। कोर्ट ने कहा कि “अपने आचरण के कारण ही आप खुद पर संदेह और संशय पैदा कर रहे हैं। आप कैसी जांच कर रहे हैं?”

जानबूझकर जानकारी छिपाने की काेशिश कर रहे?

खंडपीठ ने पूछा कि मामले से जुड़े चिकित्सकीय कागजात क्यों नहीं एकत्रित किए गए। उसने कहा कि “सीआईडी ​​ठीक से जानकारी क्यों एकत्र नहीं कर रही है और हम क्यों उससे सवाल करने के लिए मजबूर हैं? हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। चिकित्सकीय कागजात एकत्र नहीं किए गए हैं। क्या आप जानबूझकर मजिस्ट्रेट से जानकारी छिपाने की कोशिश कर रहे हैं? हम यही निष्कर्ष निकाल रहे हैं।”

मामले की ठीक से जांच करें

बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि “मामले की ठीक से जांच करें और सभी बयान सही तरीके से मजिस्ट्रेट के सामने पेश करें, तभी मजिस्ट्रेट उचित रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं।” उच्च न्यायालय ने कहा कि हर जांच में बड़े पैमाने पर निष्पक्षता होनी चाहिए और यहां तक ​​कि एक आरोपी और उसके परिवार के भी अपने अधिकार हैं।

खंडपीठ को सूचित किया गया कि सभी दस्तावेज और जानकारी मजिस्ट्रेट को उपलब्ध करा दी गई है और जो भी दस्तावेज बचे हैं, उन्हें एक हफ्ते के भीतर सौंप दिया जाएगा। उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी 2025 की तारीख तय की। इस अवधि में मजिस्ट्रेट को अदालत में रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।

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24 सितंबर को हुआ था आरोप का एनकाउंटर

पुलिस के मुताबिक बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे ने 24 सितंबर को पुलिस वैन में एक पुलिसकर्मी से उस समय पिस्तौल छीन ली, जब उसे एक अन्य मामले में पूछताछ के लिए नवी मुंबई की तलोजा जेल से ठाणे ले जाया जा रहा था। इसके बाद शिंदे ने वैन के अंदर तीन गोलियां चलाईं, जिनमें से एक गोली एक पुलिस अधिकारी को लगी और वह घायल हो गया।

जवाबी कार्रवाई में एक अन्य पुलिस अधिकारी ने गोली चलाई, जो शिंदे को लगी और वह मारा गया। पुलिस ने दावा किया कि शिंदे ने पानी मांगा था, इसलिए उसकी हथकड़ी हटा दी गई। उसे वैन के अंदर बोतल से पानी दिया गया था।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Badlapur school case court reprimands cid for taking death probe lightly

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Published On: Dec 02, 2024 | 06:16 PM

Topics:  

  • Badlapur School Case
  • Bombay High Court

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