केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
Mumbai News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को लोनी में पद्मश्री डॉ। विट्ठलराव विखे पाटिल और पद्मभूषण डॉ। बालासाहेब विट्ठलराव विखे पाटिल की पूर्ण-लंबाई वाली प्रतिमा के अनावरण और पद्मश्री डॉ। विट्ठलराव विखे पाटिल सहकारी चीनी मिल का जीर्णोद्धार के उपरांत उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ से कृषि क्षेत्र को हुए नुकसान पर केंद्र की ओर से पर्याप्त मदद देने का आश्वासन भी दिया।
शाह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट दे, केंद्र सरकार बिना किसी देरी के किसानों को पर्याप्त सहायता प्रदान करेगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, जल संसाधन मंत्री एवं जिले के पालक मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे, सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल, ग्रामीण विकास मंत्री जयकुमार गोरे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3,132 करोड़ रुपए की सहायता स्वीकृत की है। इसमें से अप्रैल में 1,631 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसमें से 215 करोड़ रुपए का विशेष सहायता पैकेज महाराष्ट्र को दिया गया है। ऋण वसूली पर अस्थायी रोक और छात्रों के लिए परीक्षाओं में रियायत जैसे कई निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों का 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का आयकर माफ कर दिया है। इससे सहकारी चीनी मिलों पर 100 करोड़ रुपए का वार्षिक कर का बोझ कम हो गया है। चीनी उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले शीरे पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है और 395 वस्तुओं पर जीएसटी की दरें भी कम कर दी गई हैं।
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शाह ने सहकारी चीनी मिलों को मल्टी-फीड इथेनॉल परियोजनाएं स्थापित करने सुझाव देते हुए कहा कि इससे मक्का और चावल से इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकेगा। शाह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ऐसी परियोजनाओं के लिए ऋण उपलब्ध कराएगी और इथेनॉल की खरीद में सहकारी समितियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी के साथ उन्होंने देशवासियों से अपील की कि भारत को दुनिया में नंबर एक बनाने के लिए, हम सभी को इस दिवाली एक साथ आकर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने घरों में कोई भी विदेशी सामान नहीं लाएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि यदि देश के 140 करोड़ लोग और व्यापारी ‘मेक इन इंडिया’ को अपनाएं, तो भारत 2047 से पहले दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बन जाएगा।