देवेंद्र फडणवी-संजय राउत-अमित शाह (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Sanjay Raut on Amit Shah: मंत्रिमंडल में किसे रखना है और किसे निकालना है, ये पूरी तरह से मुख्यमंत्री का अधिकार होता है, लेकिन इस सरकार का रिमोट कंट्रोल दिल्ली में अमित शाह के हाथ में है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गुरुवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के लिए गए थे।
मंत्रिमंडल में फिलहाल गड़बड़ का माहौल है और स्थिति उनके नियंत्रण से बाहर चली गई है, इसे सुलझाने के लिए वे गए थे, ऐसा दावा शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने किया। मैं कुछ दिनों से कह रहा हूं कि इस मंत्रिमंडल के चार मंत्री बाहर जाने वाले हैं। संजय शिरसाट, माणिकराव कोकाटे, संजय राठोड और अब योगेश कदम के नाम इसमें जुड़े हैं।
इसके अलावा भी कुछ नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन केवल चार मंत्री ही नहीं, पूरे मंत्रिमंडल की सफाई करके नए चेहरे लेकर मंत्रिमंडल बनाना, ऐसी चर्चा दिल्ली और मुख्यमंत्री के करीबी वर्तुल में चल रही है। राउत ने कहा कि भ्रष्टाचार, किसान विरोधी बयान, लेडीज बार, घोटाले और पैसे की खुली थैलियां लेकर बैठना इस सरकार की छवि को खराब कर रहा है। ये बोझ अब फडणवीस की क्षमता से बाहर हो गया है, लेकिन वे इसे नहीं फेंक पा रहे, ऐसी स्थिति बनी है। जिनके पास 137 विधायकों का समर्थन है, उन्हें ऐसे बोझ के कारण झुकना नहीं चाहिए
प्रहार संगठन के नेता बच्चू कडू ने महायुति सरकार से किसानों को कर्जमाफी देने के लिए दो दिनों का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर अगले दो दिन में सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो मैं अपने समर्थकों के साथ मंत्रालय में घुस कर आंदोलन करूंगा, प्रहार नेता ने कहा कि यह सरकार किसानों की हमेशा से उपेक्षा कर रही है। अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे पहले कडू ने गुरुवार को राज्य भर में चक्का जाम आंदोलन किया था।
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राउत ने एकनाथ शिंदे पर भी हमला बोलते हुए दावा किया है कि झारखंड शराब और एंम्बुलेंस घोटाले की जांच में अब ईडी की भी एंट्री होगी। यूबीटी प्रवक्ता ने अंदेशा जताया है कि घोटाले के लिंक महायुति सरकार की कैबिनेट से भी जुड़े हो सकते हैं, उनके मुताबिक अब इसकी जांच होनी चाहिए कि कितना पैसा श्रीकांत के फाउंडेशन में गया। इसके अलावा घोटाले की रकम का कहां-कहां इस्तेमाल किया गया है
800 करोड़ के एम्बुलेंस घोटाले में टेंडर की राशि 600 करोड़ बढ़ा दी गई थी। घोटाले का पैसा श्रीकांत शिंदे मेडिकल फाउंडेशन में डायवर्ट किया गया। झारखंड शराब घोटाले के तार श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन से जुड़े हैं