जूते मारो आंदोलन बनाम निषेध मोर्चा
मुंबई. सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा महज आठ महीने में ढह गई। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था। इस बाद को विपक्ष मुद्दा बनाकर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है। पीएम मोदी द्वारा माफी मांगने के बावजूद रविवार को विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी ने मुंबई में जूते मारो आंदोलन किया। तो वहीं बीजेपी ने आंदोलन का जवाब आंदोलन से दिया। एमवीए बीजेपी के आंदोलन वार में बीजेपी ने प्रधानमंत्री के माफी मांगे जाने की बात आगे करते हुए विपक्ष के आंदोलन की आलोचना की और आंदोलन करके निषेध व्यक्त किया।
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद एमवीए ने मुंबई में जूते मारो आंदोलन किया तो जवाब में बीजेपी के पदाधिकारियों ने भी राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। इसमें बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर में, मुंबई प्रदेश अध्यक्ष व विधायक आशीष शेलार व प्रसाद लाड ने दादर (मुंबई), रावसाहेब पाटिल दानवे ने लातूर, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद नारायण राणे ने सिंधुदुर्ग, मंत्री रवींद्र चव्हाण ने रत्नागिरी, ठाणे में विधायक संजय केलकर और निरंजन डावखरे, कराड में प्रदेश महामंत्री विक्रांत पाटिल, पुणे में युवा मोर्चा अध्यक्ष अनूप मोरे, छत्रपति संभाजी नगर में मंत्री अतुल सावे, प्रदेश महासचिव संजय केनेकर और सांसद भागवत कराड, नासिक में राहुल ढिकले, देवयानी फरांदे और सीमा हीरे, जलगांव में राजू मामा भोले, मंगेश चव्हाण तो वहीं पालघर में सांसद हेमंत सावरा के नेतृत्व में बीजेपी के नेता, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लेकर माविआ नेताओं के खिलाफ नारे लगाये और विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी का कहना है कि जब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस घटना के लिए माफी मांग चुके हैं तो विपक्ष राजनीति क्यों कर रहा है?
बीजेपी के सवाल का जवाब सवाल देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मोदी किस बात के लिए माफी मांग रहे थे? मूर्ति ढहने के लिए या मूर्ति स्थापना के दौरान हुए भ्रष्टाचार के लिए, या फिर भ्रष्ट अधिकारियों पर पर्दा डालने के लिए मांगी? मोदी हमें गर्व था। खुशी है कि नौसेना दिवस महाराष्ट्र के तट पर हो रहा है। तब जल्दबाजी में प्रतिमा स्थापित करने की जरूरत नहीं थी। चुनाव के दौरान मोदी कह रहे थे कि मोदी गारंटी है। ये मोदी की गारंटी जहां भी लगेगी, नष्ट हो जाएगी। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप किस-किस से माफ़ी मांगेंगे। भ्रष्टाचार के कारण मूर्ति गिरी, इसके लिए माफी मांगेंगे, या राम मंदिर में हो रहे रिसाव के लिए माफी मांगेंगे, अथवा जल्दबाजी में बनी संसद से रिसते पानी माफी मांगेंगे। दिल्ली हवाई अड्डे की छत गिर रही है, पुल ढह रहे हैं। किन-किन बातों के लिए माफी मांगेंगे। महाराज से मगरूरी से मांगी गई आपकी माफी हमें मंजूर नहीं है।
कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड ने कहा, “महाराष्ट्र और छत्रपति शिवाजी महाराज को अलग नहीं किया जा सकता। निर्माण कार्य गुणवत्ता स्तरहीन होने के कारण महाराज की प्रतिमा ढह गई। राजकोट किले पर सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा नहीं गिरी है बल्कि महाराष्ट्र का गौरव भी ढह गया है।”
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वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा, “मैंने मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस की कई मूर्तियों का उद्घाटन किया है, 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहनेवाली हवा से भी वो मूर्तियां कभी नहीं गिरीं। तो यह धातु की प्रतिमा कैसे गिर गई?”
मनोज जरांगे ने कहा, “कुछ भाइयों का कहना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण के समय फाइबर की मिलावट की गई थी। हवा पश्चिम से आ रही थी तो प्रतिमा पूर्व की ओर गिरनी चाहिए थी, पश्चिम की ओर कैसे गिरी? इस पर कुछ संदेह है। मैं दिल से चाहता हूं कि इसमें कोई राजनीति न हो। सरकार को इसकी बारीकी से जांच करे और इस मामले में ठेकेदार या अन्य कोई भी व्यक्ति दोषी हो, उसे बिल्कुल भी नहीं छोड़ा जाना चाहिए।”
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “महाराष्ट्र की जनता ने उद्धव को दो साल पहले ही उनकी जगह दिखा दी है। वह नाम छत्रपति शिवाजी महाराज का लेते हैं, लेकिन काम औरंगजेब और अफजल खान वाला करते हैं। दो साल पहले महाराष्ट्र की जनता ने उद्धव से बाहर निकलने को कहा था। लेकिन वो बाहर नहीं आये। आगामी विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता विपक्ष को सबक सिखाएगी विपक्ष दंगे कराने की साजिश रच रहा है। वे नहीं चाहते कि महाराष्ट्र की शांति बनी रहे।”
उन्होंने कहा, “लोकसभा से पहले भी उन्होंने महाराष्ट्र में दंगे कराने और जातियों में फूट पैदा करने की कोशिश की थी। लेकिन राज्य की जनता संयमी और समझदार है, इसलिए राज्य सरकार भी कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए काम कर रही है। विरोधियों के पैरों तले जमीन खिसक गई है। उन्हें हार नजर आ रही है। लोकसभा में आरक्षण खत्म हो जाएगा, संविधान बदल दिया जाएगा….ऐसा होगा, वैसा होगा, ऐसे फेक नैरेटिव्स के जरिए लोगों को डराकर वोट ले लिए। लेकिन इंसान एक बार धोखा खाता है। बार-बार मूर्ख नहीं बनता।”
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भले ही जूते मारो आंदोलन के दौरान एमवीए के नेताओं ने सीएम एकनाथ शिंदे औऱ उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की तस्वीर पर भी जूते बरसाए हैं लेकिन महायुति में सहयोगियों के विरोध का सामना कर रही उपमुख्यमंत्री अजीत की एनसीपी फिलहाल विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच मचे घमासान से दूरी बना कर चलती नजर आई। हालांकि एनसीपी (अजीत पवार) के युवा नेता सूरज चव्हाण ने पहले सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट में सोमवार को शुद्धिकरण आंदोलन की घोषणा की थी। उन्होंने दावा किया था कि पार्टी के कार्यकर्ता सोमवार को उन जगहों को गौमूत्र से धोएंगे, जहां एमवीए के नेताओं ने रविवार को आंदोलन किया था। लेकिन बाद में उन्होंने ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा कर दी।