योगेश कदम, अनिल परब (pic credit; social media)
Yogesh Kadam vs Anil Parab: उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन के कारण महायुति सरकार में राज्य मंत्री योगेश कदम का मंत्री पद भले ही बच गया है। लेकिन शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) के नेता एवं विधान परिषद सदस्य अनिल परब, योगेश का पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है। सावली बार प्रकरण में परब आए दिन योगेश पर आरोप लगाकर धमाका कर रहे हैं।
बुधवार को भी परब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करनेवाले थे। लेकिन बाद में अचानक उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले योगेश कदम के चाचा सदानंद कदम (पिता रामदास कदम के बड़े भाई) परब से मिलने पहुंच गए। इसके बाद ये सवाल उठने लगे हैं कि चाचा सदानंद, ‘दुश्मन’ अनिल के पास मुसीबत बढ़ाने गए थे या मदद करने?
मुंबई के सावली बार में पुलिस ने पिछले दिनों पुलिस का छापा पड़ा था। उस दौरान बार में अवैध रूप से बार बालाओं को नचाए जाने का खुलासा हुआ था। छापेमारी में पुलिस ने 22 बार बालाओं के साथ-साथ 4 ग्राहक और 4 कर्मचारियों को हिरासत में लिया था। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई है।
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सावली बार मंत्री योगेश परब की मां ज्योती रामदास कदम के नाम पर पंजीकृत है। महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र के आखिरी दिन अनिल परब ने मुद्दा विधान परिषद में उठाया था। तब से परब लगातार कदम पर निशाना साध रहे हैं। हाल ही में यूबीटी का एक शिष्टमंडल महायुति सरकार के विवादित एवं भ्रष्ट मंत्रियों की शिकायत करने राज्यपाल के पास भी गया था। बताया जा रहा है कि उस दौरान परब ने मंत्री कदम के खिलाफ भी आरोप लगाए थे और सबूत सौंपे थे।
सदानंद कदम की उनके छोटे भाई रामदास कदम के परिवार से पटती नहीं है। इसलिए ऐसी चर्चा चल रही है कि सदानंद कदम, अनिल परब के पास मंत्री योगेश के खिलाफ कुछ और सबूत देने तो नहीं गए थे। ऐसा दावा किया जा रहा है कि कथित सबूतों के आधार पर फिर से तैयारी करके हमला बोलने के लिए अनिल परब ने बुधवार की अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी है।
गौरतलब हो कि कभी पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अनिल परब के सहयोगी रहे रामदास कदम शिवसेना में बगावत के बाद पाला बदल कर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में चले गए थे। रामदास कदम लगातार उद्धव और अनिल परब पर हमला बोलते रहे हैं। महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान किरीट सोमैया ने अनिल परब के दापोली स्थित साई रिसॉर्ट का मुद्दा उठाया था। उस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बाद में सदानंद कदम को गिरफ्तार किया था। तब ऐसी अफवाहें उठी थी कि सोमैया को गुप्त जानकारी रामदास कदम ने उपलब्ध कराई थी। इसलिए योगेश कदम के खिलाफ अनिल परब के हालिया हमले के बीच सदानंद कदम की मुलाकात सवालों के घेरे में आ गई है।