आशीष शेलार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी ज्ञान की वैश्विक स्पर्धा में महाराष्ट्र पथ प्रदर्शक बन सके इसके लिए एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) नीति तैयार करने का निर्देश राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एड. आशीष शेलार ने बुधवार को दिया।
सह्याद्रि गेस्ट हाउस में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री शेलार ने कहा कि एआई तकनीक का उपयोग करने से अधिक उद्योग, व्यवसाय खड़े होंगे। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और महाराष्ट्र टेक्नोलॉजी की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। इस मौके पर आईटी विभाग के सचिव पराग जैन नैनुटिया, महाआईटी की प्रबंध निदेशक जयश्री भोज और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
विभाग की समीक्षा और अधिकारियों को अगले कदम पर मार्गदर्शन करते हुए मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि एआई तकनीक का युग शुरू हो गया है। महाराष्ट्र को इस क्षेत्र में अग्रणी बनना चाहिए। एआई का प्रभावी ढंग से उपयोग करके, हम अधिक उद्योगों और व्यवसायों को आकर्षित कर सकते हैं और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं। यह वैश्विक प्रतिस्पर्धा में महाराष्ट्र की स्थिति मजबूत करने का अवसर है।
मार्च 2024 में लॉन्च किए गए ‘भारत एआई मिशन’ के तहत, देश भर में एआई क्षमता के निर्माण के लिए 10,372 करोड़ का फंड मंजूर किया गया है। इनमें इंडिया एआई डाटासेट्स प्लेटफॉर्म, एप्लिकेशन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट्स, इंडिया एआई इनोवेशन सेंटर, फ्यूचर स्किल्स प्रोग्राम और एआई स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग शामिल हैं।
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सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि केंद्र सरकार जनवरी 2025 से गैर-व्यक्तिगत डाटासेट एकत्र करना शुरू कर देगी। इससे स्टार्टअप, कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों और शोधकर्ताओं को ऐप विकसित करने, विभिन्न भाषाओं में सेवा देने के साथ-साथ विशेष सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी। जबकि हमारा देश प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे आगे बढ़ रहा है। इसलिए महाराष्ट्र को भी इसमें अग्रणी रहना चाहिए।