देवेंद्र फडणवीस का स्वागत करते हुए नवभारत समूह के प्रबंध संपादक निमिष माहेश्वरी
मुंबई. वर्ष 2030 तक महाराष्ट्र देश के सभी राज्यों में सबसे विकसित राज्यों में से एक बनकर उभरेगा। उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने आश्वासन दिया कि हम राज्य में बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर पूरा होते देखेंगे। फडणवीस ने यह आश्वासन गुरुवार को नवभारत-नवराष्ट्र कॉन्क्लेव और महाराष्ट्र फर्स्ट के संदर्भ में पांच सितारा होटल फोर सीजन्स में आयोजित एक साक्षात्कार में दिया। नवभारत समूह के प्रबंध संपादक निमिष माहेश्वरी ने साक्षात्कार की शुरुआत में डीसीएम देवेंद्र का स्वागत किया। इस मौके पर नवभारत ग्रुप के निदेशक वैभव माहेश्वरी मुख्य रूप से मौजूद रहे।
इस दौरान फडणवीस ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से पांच ट्रिलियन की ओर बढ़ रही है, इसमें महाराष्ट्र की हिस्सेदारी अहम है। महाराष्ट्र भी ट्रिलियन डॉलर की ओर आगे बढ़ रहा है। ऐसा कहते हुए उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों की खबर ली, जो बजट को लेकर विपक्ष की ओर से लगाए गए थे। विपक्ष का आरोप है कि इस साल के केंद्रीय बजट में महाराष्ट्र के हिस्से में कुछ भी नहीं आया है। इसके जवाब में फडणवीस ने कहा कि एक बार फिर से यह साफ हो गया है कि विपक्ष को केंद्रीय बजट की कोई समझ नहीं है। बजट समझने में विपक्ष को दिक्कत होती है।
फडणवीस ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के विकास, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और रेलवे के लिए भारी धनराशि दी है। राज्य में मेट्रो, कोस्टल रोड, रेलवे विस्तार, बुलेट ट्रेन, समृद्धि हाईवे जैसी एक-दो नहीं परियोजनाएं शुरू की गईं। उनमें से कुछ पूरी हो चुकी हैं, कुछ निकट भविष्य में पूरी हो जाएंगी और कुछ परियोजनाएं प्रगति पर हैं। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि बुनियादी ढांचा खड़ा होने के साथ-साथ महाराष्ट्र डिजिटल राजधानी के रूप में जाना जाएगा।
फडणवीस ने आगे कहा कि यदि कोई राज्य में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करेगा तो उसे बख्शा नहीं जायेगा। कुछ लोग जातियों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ये कोशिश सफल नहीं होगी। फडणवीस ने यह भी कहा कि कुछ लोग हैं जो अशांति फैलाते हैं और इसके लिए फर्जी कहानी गढ़ते हैं, जनता उन्हें जवाब देगी।
बढ़ती आबादी को देखते हुए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की जरूरत है। कोई भी इसका विरोध नहीं कर सकता कि रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उद्योग स्थापित किए जाएं, परिवहन, उद्योग, बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए। लेकिन यह सच है कि विकास के साथ प्रदूषण बढ़ता है। इसलिए, महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव अविनाश ढाकणे और पनवेल नगर निगम के आयुक्त मंगेश चितले ने उम्मीद जताई कि पर्यावरण संतुलन हासिल करते हुए विकास को गति देनी चाहिए। वह नवभारत-नवराष्ट्र कॉन्क्लेव 2024 में इंफ्रा की उड़ान विषय पर एक सेमिनार में बोल रहे थे। महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में विकास कार्य चल रहे हैं। मुंबई, पुणे में भी बड़ी संख्या में विकास कार्य चल रहे हैं। परिणामस्वरूप, हमने सर्दियों के दौरान एमएमआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का अनुभव किया। पहले वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को गंभीरता से लिया जाता था, लेकिन अब विभिन्न प्रकार के प्रदूषण बढ़ गए हैं। ढाकणे ने कहा कि ध्वनि और प्रकाश प्रदूषण खतरनाक है।
इस दौरान सभी दलों के प्रवक्ताओं के बीच सोशल मीडिया पर बननेवाले नैरेटिव और पिछले चुनाव के दौरान बने मुद्दों पर तीखी बहस हुई। इस चर्चा में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंढे, बीजेपी की प्रवक्ता श्वेता शालिनी, उद्धव ठाकरे ग्रुप के हर्षल प्रधान, एनसीपी शरद पवार ग्रुप के महेश तपासे, एनसीपी अजीत पवार ग्रुप के उमेश पाटिल और लातूर से बीजेपी प्रवक्ता प्रेरणा होनराव ने हिस्सा लिया। इस मौके पर किसकी कहानी सच्ची और किसकी झूठी समेत कई मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष पर चर्चा हुई।
इस मौके पर कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि प्रदेश में विकास की अनेक संभावनाएं हैं। लेकिन मौजूदा सरकार को इस अवसर को नजरअंदाज कर रही है। सत्ताधारी दलों की ताकत विकास के की बजाय जगह लव जिहाद, हिंदू मुस्लिम, सांप्रदायिकता फैलाने में खर्च हो रही है। ऐसे में राज्य कई साल पीछे चला गया है। विकास रुक गया है। सरकार को इसकी जानकारी नहीं है। आने वाले समय में लोग इन सबका जवाब दिए बिना नहीं रहेंगे। लोकसभा चुनाव में जनता ने सत्ताधारी दल के मुद्दों और उनके द्वारा बनाये गये नैरेटिव को नकार दिया है। नवभारत-नवराष्ट्र कॉन्क्लेव के तीसरे सत्र में बोलते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया कि आने वाले विधानसभा में भी ऐसा ही होगा। इस मौके पर पूर्व मंत्री नसीम खान ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने साफ कहा कि लोग रोजगार चाहते हैं, धर्म के नाम पर विवाद नहीं चाहते।