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महाराष्ट्र में मेडिकल व्यवस्था हुई ‘बीमार’, 200 से अधिक नए स्वास्थ्य केंद्रों पर लटका ताला

महाराष्ट्र में 200 से अधिक नवनिर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और उप-केंद्रों में ताले लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था में पीएचसी और उप-केंद्रों की अहम भूमिका होती है।

  • By आकाश मसने
Updated On: May 18, 2025 | 02:02 PM

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (सोर्स: सोशल मीडिया)

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मुंबई: ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था में पीएचसी और उप-केंद्रों की अहम भूमिका होती है। ये केंद्र गांवों में बीमारी फैलने और आपात स्थितियों में सबसे पहले इलाज मुहैया करते हैं। महाराष्ट्र में 200 से अधिक नवनिर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और उप-केंद्रों में ताले लगे हैं क्योंकि उन्हें चालू करने के लिए आवश्यक संसाधनों और कर्मचारियों की भर्ती के लिए अब तक धन आवंटित नहीं किया गया है।

राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने 2021 से 2025 के बीच 400 से अधिक पीएचसी और उप-केंद्रों के निर्माण को स्वीकृति दी थी, जिनमें से 210 केंद्रों का निर्माण पूरा हो चुका है लेकिन इनमें से कई अब भी चालू नहीं किए जा सके हैं।

उन्होंने बताया कि इन केंद्रों को चालू करने के लिए आवश्यक फर्नीचर, बिजली और मानव संसाधन के लिए धन आवंटित नहीं किया गया है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार वर्षों में 98 पीएचसी स्वीकृत किए गए थे। हालांकि, इनमें से 64 चालू हो चुके हैं जबकि शेष 34 केंद्र अब भी बंद पड़े हैं।

उपस्वास्थ्य केंद्रों के स्थिति भी खराब

अधिकारी ने बताया कि उप-केंद्रों की स्थिति भी इससे अलग नहीं है। स्वीकृत 308 उप-केंद्रों में से केवल 129 ही चालू हो सके हैं और बाकी 179 भवनों का उपयोग नहीं हो रहा है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार सरकार से फर्नीचर, बिजली, दवाइयों और कर्मचारियों की मांग की है, लेकिन धन आवंटन की प्रक्रिया में देरी हो रही है।

अधिकारी ने कहा कि जब हर केंद्र को अलग-अलग स्तर के समर्थन की आवश्यकता है जिससे समान स्तर पर संसाधन देना संभव नहीं हो पाता। इसी कारण कई केंद्र तकनीकी रूप से तैयार होने के बावजूद बंद हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि जब हर केंद्र को अलग-अलग तरह की सहायता की जरूरत होती है, तो नियोजित तरीके से धन आवंटित करना मुश्किल हो जाता है। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा कि विभाग ने अपनी प्रक्रिया में बदलाव किया है।

75 प्रतिशत काम पूरा

मंत्री ने कहा कि पहले फर्नीचर की खरीद और कर्मचारियों की नियुक्ति का कार्य तब शुरू होता था जब भवन निर्माण 75 प्रतिशत पूरा हो चुका होता था। अब यह कार्य 50 प्रतिशत निर्माण के बाद ही शुरू किया जाएगा।

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विभाग के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अधीन पीएचसी, उप-केंद्र, ग्रामीण और सिविल अस्पतालों का विशाल नेटवर्क है। ऐसे में सीमित संसाधनों के साथ किसी एक सुविधा को प्राथमिकता देना चुनौती बन जाता है। इस वजह से परियोजनाओं को पूरा होने में वक्त लग जाता है।

Maharashtra more than 200 newly built health centres locked

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Published On: May 18, 2025 | 02:02 PM

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