5 साल तक तैयार होंगे 30 लाख घर
मुंबई: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महाराष्ट्र की महायुति सरकार की मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में नई आवास नीति को मंजूरी दी। नई आवास नीति के तहत 5 वर्षों में 35 लाख मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। सामान्य जनता को सामर्थ्य के अनुरूप किफायती आवास उपलब्ध कराना इसका मूल मकसद है। राज्य सरकार इस पर 70 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस योजना के लिए ‘मेरा घर, मेरे अधिकार’, घोषवाक्य तैयार किया गया है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य की नई आवास नीति ने राज्य के सामान्य और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए किफायती आवास प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह एक क्रांतिकारी नीति है, जो राज्य के शहरी विकास और आवास को एक नया रूप देगी। इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश से महाराष्ट्र के 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को काफी मजबूती मिलेगी।
सरकार ने नई आवास नीति के तहत विशेष योजना बनाई है। इसमें 2030 तक प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ एवं सुरक्षित घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह नीति डेटा-आधारित निर्णय लेने, आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग, गतिशीलता और पारदर्शिता तथा सामाजिक समावेशन पर जोर देती है। इसमें झुग्गी पुनर्विकास और नई आवास परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए 70,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और ‘महा आवास निधि’ को बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपए करने का निर्णय लिया गया है। ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी समूहों को मकान उपलब्ध कराना इसका उद्देश्य है। नीति में वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों और छात्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी गई है।
रोजगार सृजन में मिलेगी मदद
नई आवास नीति से आवास क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसमें झुग्गी पुनर्वास से पुनर्विकास तक का एक व्यापक कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। शहरी क्षेत्रों में मलिन बस्तियों के पुनर्वास और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिया जाएगा। इससे रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा। इस बीच, नई आवास नीति के इस निर्णय का सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में स्वागत किया जा रहा है। सरकार के इस फैसले से उम्मीद जगी है कि लाखों परिवारों का अपना घर होने का सपना साकार होगा। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य कैबिनेट सदस्य बैठक में उपस्थित थे।
ये हैं आवास नीति की मुख्य विशेषताएं
दो दशक बाद नीति: राज्य की पिछली आवास नीति 2007 में जारी की गई थी। करीब 18 साल बाद आवास नीति की घोषणा की गई है। आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और आपदा-संबंधी चुनौतियों का सामना करना आवास नीति के चार मूलभूत सिद्धांत हैं। यह नीति किफायती, समावेशी, टिकाऊ और नवीकरणीय, ऐसे चार मार्गदर्शक सिद्धांतों पर आधारित है।