शिर्डी साईबाबा मंदिर
Nashik Kumbh Mela: अध्यात्म की नगरी शिर्डी आज एक ऐतिहासिक घोषणा की गवाह बनी। उत्तराखंड के ज्योकेश्वर धाम के महंत महादेवदास महाराज ने नासिक में आगामी कुंभ मेले में ‘श्री साईबाबा अखाड़ा’ स्थापित करने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। शिर्डी में चल रहे साईं सच्चरित्र पारायण महोत्सव में उन्होंने यह बात व्यक्त की, जिससे देश भर के साईं भक्तों में उत्साह की लहर दौड़ गई है।
महंत महादेवदास महाराज ने अपने भावपूर्ण उद्गारों में श्री साईबाबा को ‘शिर्डी का स्वर्ग निर्माता’ संबोधित किया। उन्होंने कहा श्री साईबाबा ने शिर्डी जैसे छोटे से गांव को स्वर्ग बना दिया. ‘श्रद्धा, सबुरी’ और ‘सबका मालिक एक’ का संदेश देते हुए उन्होंने सभी धर्मों को एक साथ लाया। आज भले ही कोई मंदिरों को तोड़ने की बात करे, लेकिन हमारे मन में बसे श्री साईबाबा को कोई तोड़ नहीं सकता।
साईबाबा दुनिया के एकमात्र संत हैं जहां आज भी मुफ्त और अविरल भंडारा जारी है। उनकी ‘विभूति’ ने करोड़ों लोगों को राहत दी है। उन्होंने कहा कि कन्याकुमारी से लेकर सीमा तक साईबाबा के नाम का जयघोष हो रहा है, और शिर्डी पृथ्वी पर सच्चा स्वर्ग है।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की रिहाई का स्वागत, कांग्रेस पर गंभीर आरोप मालेगांव विस्फोट मामले में करीब 17 साल बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और अन्य आरोपियों को अदालत द्वारा निर्दोष बरी किए जाने के बाद संत समाज में खुशी का माहौल है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महंत महादेवदास महाराज ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाया।
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महंत महादेवदास ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर कांग्रेस के शासनकाल में हुए षड्यंत्र का शिकार थीं। सत्य आखिरकार जीता और अदालत का यह फैसला संपूर्ण संत समाज की विजय है। उन्होंने यह कहते हुए रोष व्यक्त किया कि सनातन हिंदू धर्म का आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है, बल्कि ऐसे संतों को बदनाम कर जेल में डाला गया, यह देश का दुर्भाग्य है।
महंत महादेवदास ने यह भी कहा कि साध्वी सहित अन्य निर्दोष संतों को 17 साल तक न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन न्याय देर से ही सही, पर सही मिला। महंत महादेवदास महाराज ने दृढ़ता से कहा कि कांग्रेस ने निर्दोष संतों को निशाना बनाया और यह साजिश किस विचारधारा से प्रेरित होकर रची गई थी, यह अब जनता को स्पष्ट रूप से समझ में आ रहा है। उन्होंने देश के अन्य साधुओं पर हुए अन्याय को भी याद दिलाया और उम्मीद जताई कि राजनीति के खेल में संतों को फंसाने की यह प्रवृत्ति रुकनी चाहिए।