कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट (सोर्स: एक्स@kunalkamra88)
मुंबई: स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अपनी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद काफी विवादों में हैं। उन्हें लेकर कई जगहों पर पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई गई है। अब बीते मंगलवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करके दोबारा महाराष्ट्र सरकार पर तंज कसा है। इसमें उन्होंने लिखा है, “एक कलाकार की लोकतांत्रिक तरीके से हत्या कैसे की जाए।”
कॉमेडियन कुणाल ने एक पोस्ट शेयर करके कुछ पॉइंटर्स लिखे हैं। इसके साथ कैप्शन लिखा है, ‘लोकतांत्रिक तरीके से एक कलाकार की हत्या कैसे की जाए? कुणाल ने लिखा है कि ‘किसी कलाकार को कैसे मारें, उसके लिए कुछ निर्देश’ इसमें पहला पॉइंट है, आक्रोश- इतना कि ब्रांड अपना काम बंद कर दें।
“एक स्टेप बाय स्टेप मार्गदर्शिका
1) आक्रोश- सिर्फ़ इतना आक्रोश करें कि ब्रांड उनके काम को लेना बंद कर दें।
2) ज़्यादा आक्रोश- जब तक कि निजी और कॉर्पोरेट कार्यक्रम बंद न हो जाएँ।
3) और ज़्यादा आक्रोश- ताकि बड़े स्थान जोखिम न लें।
4) हिंसक रूप से आक्रोश करें- जब तक कि सबसे छोटी जगहें भी अपने दरवाज़े बंद न कर लें।
5) अपने दर्शकों को सवाल पूछने के लिए बुलाएं- कला को अपराध स्थल में बदल दें।
अब कलाकार के पास सिर्फ़ दो विकल्प बचे हैं: अपनी आत्मा बेच दें और डॉलर की कठपुतली बन जाएं- या चुपचाप मुरझा जाएं। यह सिर्फ़ एक नाटक नहीं है, यह एक राजनीतिक हथियार है। एक चुप कराने वाली मशीन।”
How to kill an Artist “Democratically” pic.twitter.com/9ESc9MZfWr — Kunal Kamra (@kunalkamra88) April 1, 2025
इधर बुधवार को मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा को तीसरा समन जारी किया है। उन्हें 5 अप्रैल को खार थाने में पेश होने का निर्देश दिया गया है। दो बार समन जारी होने के बाद पुलिस के सामने पेश नहीं हुए।
मुंबई के हैबिटेट सेंटर में उनके विवादास्पद चुटकुलों के मामले में कुणाल कामरा को खार पुलिस स्टेशन ने इससे पहले दो समन जारी किए थे लेकिन वे नहीं पहुंचे। जिसके बाद 31 मार्च को मुंबई पुलिस की एक टीम दादर स्थित कॉमेडियन कुणाल कामरा के घर पर पहुंची थी।
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मुंबई के घर पर पुलिस के पहुंचने पर कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए तंज कसा था। उन्होंने लिखा कि “ऐसे पते पर जाना, जहां मैं पिछले 10 वर्षों से नहीं रहा हूं, आपके समय और सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी है।