छत्रपति के वंशज शाहू महाराज ने किसानों के मार्च का किया नेतृत्व (सौजन्यः सोशल मीडिया)
कोल्हापुर : छत्रपति के वंशज और कांग्रेस सांसद श्रीमंत शाहू महाराज ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में किसान विरोध मार्च का नेतृत्व किया। मंगलवार को राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा विरोध मार्च का आयोजन किया गया था। इस दौरान प्रस्तावित नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का कड़ा विरोध किया गया।
छत्रपति श्रीमंत शाहू महाराज ने कहा कि जहां भी किसान है, मैं उनके साथ रहूंगा। उन्होंने कहा कि वे एक्सप्रेसवे पर उनकी चिंताओं को सरकार के सामने रखेंगे। मार्च के दौरान उन्होंने कहा कि किसान इस परियोजना का कड़ा विरोध कर रहे हैं। हम उनका पूरा समर्थन करते है। हम जिलाधिकारी से मिलेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
इस मार्च में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद, महायुति और महाविकास अघाड़ी के विधायक शामिल हुए थे। यह किसान मार्च दशहरा मैदान से जिलाधिकारी के कार्यालय तक निकाला गया था। भाजपा के राज्यसभा सांसद अशोक चव्हाण ने भी कहा था कि अगर ये एक्सप्रेसवे किसानों के पक्ष में नहीं है तो उनकी कृषी भूमि की बलि देकर इसे नहीं बनाना चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि 802 किलोमीटर का यह एक्सप्रेसवे हिंगोली, परभणी, नांदेड़ , उस्मानाबाद,और बीड जिलों के उपजाऊ कृषी जमीन से होकर गुजरेगा। यह प्रस्तावित एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के 12 जिलों और गोवा के एक जिले से होकर गुजरेगा। इसमें 26 इंटरचेंज, 30 सुरंगें, 48 पुल और 8 रेलवे क्रॉसिंग शामिल है। इस परियोजना को गति देते हुए राज्य और जिला अधिकारियों ने हाल ही में इसके लिए भूमि अधिग्रहन शुरू कर दिया है।
बताया यह भी जा रहा है कि यह मार्ग रास्ते में आनेवाले सभी तिर्थस्थलों से जोड़ा जाएगा। इससे धार्मिक पर्यटन बढ़ने और स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यह एक्सप्रेसवे तीन शक्तिपीठों (महालक्ष्मी, तुलजाभवानी और पत्रदेवी) और दो ज्यांतिर्लिंग (औंधा-नागनाथ और परली-वैजनाथ), माहुर, तुलजापुर, पंढरपुर समेत कई तिर्थस्थलों को जोडे़गा।