जालना में जल संकट (सौजन्य-सोशल मीडिया, कंसेप्ट फोटो)
जालना: जिले के चार सौ से अधिक गांव इस समय पीने के पानी की कमी से जूझ रहे हैं। जिसके चलते इन गांव के नागरिक पानी की तलाश में दर-दर भटकने लगे हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस अनुमान के आधार पर योजना बनाई है कि आगामी जून तक जल संकट से जूझ रहे गांवों की संख्या बढ़कर 773 हो जाएगी। संबंधित प्रशासनिक निकाय ने यह मानकर योजना तैयार की थी कि जनवरी से मार्च के बीच जल संकट वाले गांवों की संख्या बढ़कर 387 हो जाएगी।
अब अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में जिले के 400 से अधिक गांव और 35 बस्तियां पानी की कमी से जूझ रही हैं। जिले के आठ तालुकाओं में से पानी की कमी वाले सबसे अधिक गांव जालना तालुका में हैं। संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों ने संभावना जताई है कि जालना तालुका के 234 गांवों को जून महीने तक पेयजल समस्या का सामना करना पड़ेगा।
वरिष्ठ भूगर्भशास्त्रियों की एक रिपोर्ट के अनुसार जून तक 158 गांवों में पानी की गंभीर कमी हो जाएगी। इसलिए जिला कलेक्टर श्रीकृष्ण पांचाल ने कुओं से पानी निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे जिले के इन 158 गांवों में सार्वजनिक जलापूर्ति की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
प्रशासन ने जून तक अन्य तालुकाओं में पानी की कमी को दूर करने के लिए 24 करोड़ 19 लाख रुपये की योजना तैयार की है, जैसे बदनापुर – 54 गांव और 26 वार्ड, अंबड़ – 102 गांव और 42 वार्ड, घनसावंगी – 180 गांव और 71 वार्ड, भोकरदन – 109 गांव, जाफराबाद – 94 गांव और 17 वार्ड का समावेश है।
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शिवसेना यूबीटी जिला प्रमुख भास्कर अम्बेकर ने कहा, “जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ बैठक कर जल संकट निवारण उपायों को गंभीरता से लागू करने की मांग की गई है। ग्रामीण क्षेत्र के करीब साढ़े चार सौ गांवों में पानी की समस्या है। ऐसी स्थिति में यदि उचित योजना बनाई जाए तो जालना शहर के निवासियों को अधिक पानी मिल सकेगा।”