गोंदिया. केंद्र सरकार व एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना आयुक्तालय महाराष्ट्र राज्य मुंबई ने सभी जिलों को 13 जनवरी को पत्र भेजकर 18 से 24 जनवरी के बीच “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” अभियान की जन जागरूकता गतिविधियों को संचालित करने का निर्देश दिया है. उसी के अनुरूप गोंदिया जिले के सभी स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गोंदिया जिले के गांवों में विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित किए जाने की जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. नितिन वानखेड़े ने दी है.
जिप सीईओ अनिल पाटिल ने कहा कि लड़कियों की जन्म दर बढ़ाने के लिए जन जागरूकता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जिले की सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 18 से 24 जनवरी के बीच बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने सभी विभाग प्रमुखों को सुझाव दिया कि मुख्य रूप से भ्रूण लिंग निदान अधिनियम की रोकथाम, नागरिकों को जानकारी और परामर्श देने, जन्म के स्वागत के विषय पर व्याख्यान, सेमिनार, समूह चर्चा आदि आयोजित करने के बारे में विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया जाना चाहिए.
गांव में एक बालिका के जन्म के बाद ऑपरेशन करने वाले जोड़ों को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया जाता है. जिले में प्रति 1000 लड़कों पर 966 लड़कियां हैं और वर्तमान में लड़कियों की जन्म दर 24 से कम है, इसलिए आने वाली पीढ़ी को भविष्य में इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. इसलिए सभी लोगों को यह आवश्यक है कि वे कन्या शिशु के जन्म के मामले में अभिनव गतिविधियों को लागू करके अंतर को कम करने के लिए शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कड़े कदम उठाएं.
अपर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश सुतार ने बताया कि 18 जनवरी से आरोग्यवर्धिनी केंद्र के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य सेवक, स्वास्थ्य सेविका व आशा सेविका यह कार्यक्षेत्र के उपकेंद्रों, विद्यालयों, ग्राम पंचायतों, शासकीय कार्यालयों में जाकर बेटी बचाओ बेटी पढाओ का संकल्प लेकर लोगों को समझा रहे हैं व इसका महत्व बता रहे है.
इसमें मुख्य रूप से लड़का और लड़की समानता, भ्रूण हत्या, भ्रूण लिंग निदान कानून, लड़कियों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक समानता का महत्व, लिंग आधारित लिंग चयन का उन्मूलन, लड़कियों की शिक्षा समय की आवश्यकता, किशोरवयीन स्वास्थ्य पर चर्चासत्र, सामूहिक बैठक व अभिनव गतिविधियों संचालित कर लोगों में स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से जन जागरूकता की जा रही है.
जिला शल्य चिकित्सक डा. अमरिश मोहबे ने बताया कि एच.एम.आई.एस. रिपोर्ट के अनुसार जिले में प्रति 1000 बच्चों पर लिंगानुपात इस प्रकार है. जिसमें सड़क अर्जुनी 1184, तिरोड़ा (शहरी और ग्रामीण) 1024, गोरेगांव 986, अर्जुनी मोरगांव 973, गोंदिया (शहरी और ग्रामीण) 959, सालेकसा 951, देवरी 951 व आमगांव 925 का समावेश है.
जिन तहसीलों में लड़कियों का लिंगानुपात 1000 से अधिक है, लेकिन लड़कियों का अनुपात कम है, तहसील प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ग्रामीण स्तर पर लोगों को इसके महत्व को समझाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं.