क्षतिग्रस्त खड़बंदा नहर का दृश्य (फोटो नवभारत)
Gondia Kharbanda Canal Broke News: 26 सितंबर को हुई भारी बारिश के कारण गोंदिया के खड़बंदा जलाशय की नहर टूट गई। यह सेजगांव, परसवाड़ा और अर्जुनी तक जाती है। सिंचाई विभाग की अनदेखी के कारण एक पखवाड़े बाद भी नहर की मरम्मत नहीं हो पाई है, जिसके धान की फसल के लिए आवश्यक पानी उस गांव तक नहीं पहुंच पाएगा जिसके कारण फसल बर्बाद हो जाएगी।
खरीफ और रबी सीजन के दौरान खड़बंदा जलाशय से लगभग 50 से 60 गांवों की सिंचाई होती थी। इस जलाशय के माध्यम से सेजगांव, अर्जुनी, परसवाड़ा और आसपास के गांवों को पानी की आपूर्ति करने वाली नहर 26 सितंबर को सेजगांव से खडबंदा के बीच में फूट गई।
इस नहर के फूटने से किसानों को नुकसान हुआ। इस अवधि के दौरान नहर की मरम्मत के लिए कोई उपाय नहीं किए जाने से, भारी किस्म के धान के लिए जलाशय के माध्यम से प्राप्त पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पाएगा।
कई किसानों ने खड़बंदा जलाशय के कार्यालय पहुंचकर अपनी पीड़ा व्यक्त की। लेकिन, सिंचाई विभाग इस ओर अनदेखी कर रहा है। दूसरी ओर, क्षेत्र के विधायक विजय रहांगडाले ने भी 8 अक्टूबर को फुटी नहर का दौरा किया और संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की, लेकिन ऐसा लगता है कि चर्चा बेनतीजा रही।
खड़बंदा जलाशय की मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी गोंदिया सिंचाई विभाग पर है। उस विभाग के शाखा अभियंता मगर प्रशिक्षण के लिए गए हैं। उनका कार्यभार अभियंता भोये के पास है। जबकि उपविभागीय अभियंता निकम के पास संबंधित विभाग की जिम्मेदारी भी है। लेकिन, इनमें से किसी भी अधिकारी ने नहर की मरम्मत और किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के उपाय तैयार नहीं किए हैं।
गोंदिया जिले के कारुटोला, अत्री, गोमाटोला, सेजगांव, बोदा, गोंडमोहड़ी, सोनेगांव, बेर्डीपार, डब्बेटोला, परसवाड़ा, बोरा, बघोली, किडंगीपार, अर्जुनी गांवों के किसानों को उस नहर से सिंचाई की सुविधा मिलती है।
यह भी पढ़ें:- गोंदिया SDM पर जानलेवा हमला, ICU में भर्ती, रेत माफिया ने दिया खौफनाक वारदात काे अंजाम
आने वाले दिनों में भारी किस्म के धान को पानी की सख्त जरूरत है। लेकिन नहर की हालत ठीक न होने से सिंचाई विभाग की मेहरबानी से करीब 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल को नुकसान होगा।
किसान आक्रोश जताते हुए कह रहे हैं कि जलाशय की नहर फूटने के लिए अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार हैं। विभाग के कर्मचारी-अधिकारी पानी के बिल और अन्य मामलों को लेकर किसानों को परेशान करते हैं।
सेजगांव के किसान जितेंद्र भैयालाल बिसेन और महेंद्र पारधी समेत प्रभावित गांवों के किसानों ने नहर की तत्काल मरम्मत कराने और किसानों को न्याय दिलाने की मांग की है। मांग पूरी न होने पर किसानों ने आंदोलन का रुख अपनाने की भी तैयारी कर ली है।