ककोडी प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र (फोटो नवभारत)
Gondia Kakodi PHC Health Crisis: गोंदिया जिले की देवरी तहसील में स्थित ककोड़ी पीएचसी पिछले कुछ वर्षों से ऑक्सीजन पर है। आदिवासी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं लगातार लड़खड़ा रही है। पीएचसी में दवाइयां, बिजली, पानी, स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
क्षेत्र के विधायक संजय पुराम ने 29 अगस्त को ककोड़ी स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया था। जिसमें अनेक प्रकार की खामियां उन्हें नजर आई थीं। जिसके चलते उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल यहां स्वास्थ्य सेवाएं व सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इतने दिन बीत गए हैं लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था दिखाई नहीं दे रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विधायक पुराम के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं आज भी नदारत है।
गोंदिया के देवरी तहसील में ककोड़ी क्षेत्र आदिवासी दुर्गम क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। यहां स्थित नागरिक खेती व रोजगार पर निर्भर है। आदिवासी नागरिक के लिए निजी अस्पतालों में इलाज करना मुमकिन नहीं है। ऐसे में इस इलाके की स्वास्थ्य सेवाएं सरकारी अस्पताल पर निर्भर है। लेकिन ककोड़ी स्वास्थ्य केंद्र में दूर-दूर तक सुविधा व व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।
पिछले कुछ वर्षों से ककोड़ी पीएचसी में कर्मचारियों के आवास जर्जर अवस्था में हैं। अनेक वर्षों से बिजली की समस्या निरंतर बनी हुई है। ऐसे में पूरा परिसर अंधेरे में डूबा रहता है। पीने के पानी की महत्वपूर्ण सुविधा उपलब्ध नहीं है। आरो मशीन बिगड़ी अवस्था में धूल खा रहा है।
जंगली व आदिवासी इलाका होने के बाद भी यहां सर्पदंश तथा रेबीज जैसी जरूरी एंटीबायोटिक दवाइयां उपलब्ध नहीं है। विधायक पुराम ने स्वयं पीएचसी का जायजा लिया। जिसमें उन्होंने सुविधा व व्यवस्था को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।
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साथ ही स्वास्थ्य विभाग को तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने एक पुरानी एम्बुलेंस खड़ी करते हुए यहां केवल औपचारिकता निभाने का काम किया है। बाकी ककोडी पीएचसी के भी बुरे हाल है। ऐसे में आदिवासी क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधाओं से आज भी जूझ रहा है।
तहसील स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ललित कुकडे ने कहा कि पुराने आवास डिस्मेंटल कर दिए गए हैं। नए आवास के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अभी प्रस्ताव का मंजूर होना बाकी है। एम्बुलेंस मरम्मत के लिए नागपुर भेजी गई है। लेकिन वाहन की दूसरी व्यवस्था पीएससी में की गई है। वहीं पूरे गांव में ही बिजली की समस्या बनी हुई है।