प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
FDA action in Gondia: दिवाली के दौरान उपभोक्ताओं को मिलावटी उत्पादों से बचाने के लिए खाद्य व औषधि प्रशासन सतर्क है और मिलावटी उत्पादों पर नजर रखने के लिए विशेष निरीक्षण अभियान शुरू किया गया है। इसमें मिठाई, नमकीन, खेवा, मेवा, घी और तेल जैसे उत्पादों की गुणवत्ता की जांच की जा रही है और नमूने जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।
गाेंदिया में त्योहारी सीजन में अभी तक जांच के लिए 8 नमूने लिए गए हैं और 3.43 लाख रुपए मूल्य के नकली तेल का स्टॉक जब्त किया गया है।
दशहरे से दिवाली तक बाजार में मिठाई और नमकीन का कारोबार करोड़ों में होता है। हजारों किलो खोवा, बेसन, चीनी और तेल-घी का कारोबार होता है। मांग आपूर्ति से कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे समय में मिलावट का बोलबाला रहता है।
त्योहारी सीजन में इस मिलावट पर लगाम लगाना जिले के 4-5 अधिकारियों के बस की बात नहीं है। इसलिए जरूरी है कि लोग जागरूक हों और मिलावट की पहचान करें। लेकिन, यह प्रकार काफी तकनीकी और जटिल है, इसलिए सवाल यह उठता है कि मिलावट की पहचान कैसे की जाए।
इस साल भी गोंदिया जिले में खाद्य और औषधि विभाग इस कार्रवाई के लिए तैयार है। इसके लिए एक विशेष अभियान चलाया गया है और मीठाई, खोवा विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं के साथ-साथ मिठाई की दुकानों और मेवा तैयार करने वाले स्थानों पर छापे मारे गए हैं। इसमें अब तक गोंदिया जिले में 8 दुकानों में संदेह के आधार पर छापे मारे गए हैं और परीक्षण के लिए खाद्य नमूने एकत्र किए गए हैं।
खुले खाद्य पदार्थ, मिठाइयां कभी न खरीदें। सस्ते खाद्य पदार्थों के विज्ञापनों के झांसे में न आएं। कोई भी खाद्य पदार्थ खरीदने के बाद रसीद जरूर लें। ब्रांडेड खाद्य पदार्थ, मिठाइयां खरीदें। खरीदते समय पैकेट पर बैच नंबर और उत्पादन तिथि अवश्य देखें। चांदी की पन्नी की भी जांच करें।
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मिठाई पर लगी पन्नी (सोने या चांदी की पन्नी) एल्युमीनियम की हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अगर पन्नी उंगलियों से रगड़ने पर आसानी से न निकले या काली न पड़े, तो मिठाई नकली हो सकती है।
खाद्य व औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त दहातोंडे ने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की मिलावट की जांच के लिए खाद्य तेल, बेसन, खोवा, मेवा, मिठाई, बर्फी, फरसाण के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। ग्राहकों को केवल प्रतिष्ठित दुकानों से ही मिठाइयां खरीदे। यदि किसी भी प्रकार की मिलावट का संदेह हो, तो खाद्य व औषधि प्रशासन को शिकायत करें।