चिचगढ़ स्कूल की जर्जर इमारत (फोटो नवभारत)
Chichgarh zilla Parishad School Building Danger: गोंदिया जिले के 150 से ज्यादा जिला परिषद विद्यालयों की इमारतें जर्जर हैं। लेकिन अभी तक इनकी मरम्मत नहीं हुई है। छात्रों को जर्जर स्कूल इमारतों में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। यही हाल देवरी तहसील के चिचगढ़ स्थित जिप स्कूल का भी है, जहां छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन संबंधित विभाग ने अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया है और छात्र अभी भी खतरे में हैं।
जब हम स्कूल कहते हैं, तो हमारी आंखों के सामने एक खूबसूरत तस्वीर उभरती है। एक तरफ हमारा देश महाशक्ति बनने की कोशिश कर रहा है। लेकिन दूसरी तरफ, ग्रामीण इलाकों में शिक्षा और स्कूलों की दयनीय स्थिति की तस्वीर अभी भी देखने को मिलती है।
ऐसी ही एक दयनीय स्थिति चिचगढ़ स्थित जिला परिषद उच्च प्राथमिक विद्यालय इमारत की है। यहां स्थित जिप स्कूल की इमारत लगभग 60 साल पुरानी है और अब पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इस इमारत के कभी भी ढहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
वर्तमान में इस स्कूल में कुल 203 छात्र पढ़ते हैं और 4 कक्षाओं में सात छात्र पढ़ते हैं। बरसात के मौसम में सभी कक्षाओं से पानी टपकता है। इस वजह से यहां की प्रयोगशाला की सामग्री खराब होने के कगार पर है। स्कूल इमारत के स्लैब में जगह-जगह दरारें पड़ गई है।
साथ ही, एक इमारत गिरने के कगार पर है। छात्र जान जोखिम में डालकर उसी जगह पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन जिला शिक्षा विभाग ने अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया है। जिससे छात्रों पर खतरा मंडरा रहा है।
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यहां के प्रधानाध्यापक, शाला व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष, अभिभावक और ग्रामीण कई बार जिला शिक्षा विभाग से नई इमारत निर्माण की मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया है। जिससे ग्रामीणों ने इसके लिए आंदोलन की चेतावनी दी है।
प्रधानाध्यापक कठाने ने जिप सदस्य राधिका धरमगुले, पंचायत समिति सदस्य रंजीत कासिम और गुट शिक्षाधिकारी को स्कूल की जर्जर इमारत की जानकारी दी। इसके बाद, जिप सदस्य राधिका धरमगुले ने स्कूल का दौरा किया और इमारत का निरीक्षण किया। उन्होंने जिप शिक्षा सभापति सुरेश हर्षे को भी इस बारे में जानकारी दी। यहां के अभिभावकों और ग्रामीणों ने विधायक संजय पुराम से इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देने और इस समस्या का समाधान करने की मांग की है।