कांग्रेस के समर्थन में माओवादी (सौजन्य-नवभारत)
Gadchiroli News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर वोट चोरी से ही विराजमान हुए थे। तब से भाजपा सत्ता में आने के लिए यह प्रयेाग किया जा रहा है। यह सत्य बाहर लाने के लिए कांग्रेस ने देरी करने के बाद इस मामले से संसदीय व्यवस्था का मामला सामने आया। ऐसा आरोप नक्सलियों के केंद्रीय समिति द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में लगाया गया है।
प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) पार्टी के 21वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पत्रक जारी किया गया है। कांग्रेस पार्टी ने संपूर्ण देश में मुहिम शुरू कर सत्ताधारी भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। भाजपा ने लोकसभा, विधानसभा चुनाव में किस तरह वोट चोरी किये गये, इसके सबूत राहुल गांधी ने पेश किया है। कांग्रेस के इस आरोप का नक्सलियों ने समर्थन कर भाजपा वोट चोरी का प्रयोग गुजरात विधानसभा से करते आ रही है, ऐसी बात पत्रक में कही गई।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) पार्टी के 21वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जारी किये गये पत्रक में नक्सल आंदोलन का लेखाजोखा रखा गया। केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 के पहले नक्सलवाद खत्म करने के लिए शुरू की गई मुहिम से पिछले वर्ष भर में अब तक सर्वाधिक नुकसान होने की बात कबूल की गई है। साथ ही सत्ता पार्टी के विकसित भारत यानी हिंदू राष्ट्र का दावा भी पत्रक में किया गया है।
सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्र की मुहिम रोककर शांति वार्ता करने के लिए तैयार होगी तो, हम भी अनुकुल है, ऐसा आह्वान नक्सलियों ने किया है। विशेषत: कुछ दिन पहले नक्सल आंदोलन की जिम्मेदारी देवजी के पास तो दंडकारण्य की जिम्मेदारी माडवी हिडमा को सौंपी गयी है। इसके दो दिन बाद हुए मुठभेड़ में सुरक्षा दल ने केंद्रीय समिति सदस्य मनोज ऊर्फ बालन्ना को ढेर किया है।
नक्सल आंदोलन को संस्थापक चारू मुजुमदार की मृत्यु के बाद पिछले 50 वर्षों की अवधि में संगठन को सर्वाधिक नुकसान पिछले वर्ष उठाना पड़ा। इस दौरान बड़े नेताओं समेत 366 नक्सली विभिन्न मुठभेड़ में मारे गये। नक्सल आंदोलन का सर्वोच्च नेता सीपीआई (माओवादी) महासचिव बसवराज, केंद्रीय समिति सदस्य चलपति, विवेक, उदय और राज्य समिति सदस्यों का पत्रक में उल्लेख किया गया है।
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गत वर्ष भर में महासचिव, चार केंद्रीय समिति सदस्य और 17 महत्वपूर्ण पद वाले नेता मारे जाने की बात नक्सलियों ने कबूल की है। बावजूद इसके 2026 का लक्ष्य विफल करने का आह्वान नक्सलियों ने इस पत्रक के माध्यम से सरकार से किया है।