नागपुर न्यूज
Nagpur Traders Election News: 13 लाख व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख संस्थान नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कॉमर्स (एनवीसीसी) के चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, हलचल तेज होती जा रही है। युवा व्यापारियों में उत्साह का संचार हो गया है और वे मैदान में उतरकर पुराने खिलाड़ियों को टक्कर देने के मूड में आ गए हैं लेकिन इस बीच यह भी पता चला है कि पुराने खिलाड़ी ‘प्रॉक्सी वोट’ की जुगत में लग गए हैं और लगभग 300 सदस्यों की लिस्ट बनाई गई है।
अब यह चुनाव अधिकारी पर निर्भर करता है कि वे क्या निर्णय लेते हैं। चुनाव अधिकारी की छवि बेहतर होने से सभी न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं। एक बात तो तय है कि बुजुर्ग और युवाओं के बीच इस बार घमासान देखने को मिल सकता है।
चुनाव की सुगबुगाहट को देखने हुए कुछ लोग प्रॉक्सी वोट का जुगाड़ करने के फिराक में लग गए हैं। उन्हें भी युवाओं के ‘विद्रोह’ की भनक लग चुकी है। पुराने खिलाड़ी ‘मंच’ में बने रहने के लिए पूरी तोड़फोड़ करने के मूड में आ गए हैं। हालांकि उनके इन प्रयत्नों को किसी भी वर्ग का समर्थन नहीं मिल रहा है। पूर्व अध्यक्ष भी इस जुगत के खिलाफ हैं और युवा भी। इसके बावजूद कुछ लोगों के इस प्रयास को लोग पसंद नहीं कर रहे हैं।
वित्तीय अनियमितता और प्रॉक्सी सदस्यों की शिकायत के बाद चेंबर में प्रशासक राज आया था। प्रशासक ने जहां वित्तीय अनियमितता पर प्रहार किया था और रिपोर्ट दी थी वहीं सदस्यों की स्क्रूटनी भी गंभीरता से की थी। इसके लिए कमेटी का गठन किया गया था और लगभग 340-400 नामों को सूची से हटाया गया था।
इसके बाद काफी संभल-संभलकर नये सदस्यों को जोड़ा गया था, ताकि चेंबर की छवि साफ-सुथरी बनी रहे लेकिन चुनाव के ऐन पहले इस प्रकार की हलचल पुन: चर्चा का विषय बन गई है। लोग इसके खिलाफ हैं। उनका कहना है कि अगर इस प्रयास को सफलता मिलती है तो चेंबर की कार्यप्रणाली पर पुन: सवाल उठेंगे। इतना ही नहीं प्रशासक राज की याद भी कई लोग ताजा करने लगे हैं।
जानकारी के अनुसार 1 व्यक्ति ने 100, 1 ने 70 और 1 व्यक्ति ने 85 फार्म जमा कराये हैं। यह कंपनी लॉ के अनुरूप नहीं है। इस विषय पर बुधवार को निर्णय होने वाला है। देखना है कि एक व्यक्ति के इतने फॉर्म को मंजूरी दी जाती है या फिर रद्द किया जाता है। ऐन एजीएम के पूर्व ऐेसा होने से सभी सुनियोजित तरीके से प्रयास का रूप दे रहे हैं।
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अब कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी जिद पर अड़ गए हैं, ऐसे में युवाओं ने कमर कसनी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि अगर ‘सम्मानपूर्वक’ लोग अपना पद नहीं छोड़ते हैं और दूसरों को मौका नहीं देते हैं तो वे चुनाव में उतरने को तैयार हैं। इसमें कुछ नाम भी सामने आ रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि चेंबर की कोर कमेटी की बैठक मंगलवार को रात में रखी गई थी लेकिन ऐन वक्त पर बैठक को रद्द कर दिया गया। वर्तमान कार्यकारिणी द्वारा ऐसा क्यों किया गया, यह समझ से परे है। हालांकि इस पर कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। कोर कमेटी की बैठक होने से ‘लड़ाई’ को विराम दिया जा सकता है लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।