कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
गड़चिरोली: महाराष्ट्र में इन दिनों जंगली जानवरों खासकर बाघ और तेंदुए के अंगों की तस्करी के मामले बढ़ हैं। पिछले दिनों नागपुर और चंद्रपुर में दो गिरोहों को तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह गिराेह महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के जंगलों से जंगली जानवरों का शिकार करते थे और इनके अंगों की विदेश में तस्करी करते थे। अब गड़चिरोली से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। गड़चिरोली में बाघ-तेंदुए के अंग बेचने का प्रयास करने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
गोंदिया जिले के सड़क अर्जुनी के वनविभाग को बाघ-तेंदुए का शिकार कर उसकी खाल व अन्य अंगो की बिक्री करने के प्रयास में होने वाले गिरोह को दबोचने में सफलता मिली। कार्रवाई में गड़चिरोली कोरची तहसील के 4 आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने से कोरची तहसील के नागरिक शिकार, तस्करी में लिप्त होने की जानकारी सामने आयी है।
जानकारी के अनुसार, सड़क अर्जुनी वनपरिक्षेत्र में बाघ-तेंदुए के खाल के साथ अन्य कुछ अंगो की बिक्री करने वाला गिरोह सक्रिय होने की गुप्त जानकारी नागपुर के विभागीय वनाधिकारी (सतर्कता) को मिली। जिसके तहत उन्होंने गोंदिया वनविभाग को सतर्क किया।
इसी आधार पर नकली ग्राहक भेजकर 3 आरोपियों 19 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से बाघ तथा तेंदुए की मुंछे, 2 दांत, वहीं ऊदबिलाव की खाल तथा एक देसी पिस्तौल भी जब्त किया गया था।
इन आरोपियों ने यह साहित्य प्राप्त करने में कोरची तहसील के आरोपियों का हाथ होने की बात बताने पर सड़क अर्जुनी के दल ने कोरची तहसील के कोहका निवासी नकुल प्रल्हाद शहारे (58), जीतेंद्र गोविंदराव कराले (30) दोनों को हिरासत में लिया।
इस दौरान उनके पास से तेंदूए की खाल भी जब्त की गई। इसके बाद कोरची तहसील के बेडगांव वनपरिक्षेत्र अधिकारी के हिरासत में सौंपा गया। न्यायालय ने आरोपियों को 7 दिन की वन हिरासत सुनाई है।
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इस दौरान उक्त आरोपियों द्वारा कोरची तहसील के और 4 आरोपियों के नाम सामने आए है। इसमें से गहाणेगाटज्ञ निवासी इंदर रामदास सहारे व कोहका निवासी महेंद्र रामनाथ सहारे इन्हे शनिवार को हिरासत में लिया गया। और एक आरोपी की तलाश जारी है।