कांग्रेस भाजपा गठबंधन की जीत (pic credit; social media)
नागपुर: एक-दूसरे के कट्टर विरोधी रहे भाजपा और कांग्रेस ने नागपुर में मौदा क्रय-विक्रय संघ के चुनाव में गठबंधन कर लिया था। इस गठबंधन से अपेक्षित परिणाम सामने आए। कांग्रेस-भाजपा गठबंधन का पैनल जीत गया, जबकि अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष बाबा गूजर का पैनल हार गया।
कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री सुनील केदार और पूर्व भाजपा विधायक टेकचंद सावरकर के पैनल के सभी 13 उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं। एक उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुका है। एनसीपी के जिला अध्यक्ष बाबा गूजर ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमें धमकाया है और कहा है कि वह इस बारे में अजित पवार से शिकायत करेंगे। गूजर ने यह भी कहा कि जिला परिषद और स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा से सावधान रहना होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से चर्चा हुई।
सुनील केदार और भाजपा के बीच तीखी दुश्मनी
बावनकुले ने गठबंधन बरकरार रखते हुए चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। हालांकि, उन्होंने इस चुनाव से संबंधित सभी निर्णय लेने के अधिकार पूर्व विधायक टेकचंद सावरकर को दे दिए थे। पहले तो वह भी उनके साथ थे, लेकिन बाद में दो उम्मीदवारों के साथ केदार के खेमे में शामिल हो गए। उन्होंने एक सुविधाजनक निर्णय लिया ताकि उनके सभी उम्मीदवार आराम से निर्वाचित हो सकें।
नागपुर जिले में सुनील केदार और भाजपा के बीच तीखी दुश्मनी चल रही है। केदार ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को खुली चुनौती दी थी। यहां तक कि उन्होंने कांग्रेस का एक सांसद भी जिताया था। इससे उनके बीच दुश्मनी और बढ़ गई। हालांकि, इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने केदार को करारी शिरकत दी। भाजपा केदार सहित उनके सभी समर्थकों को हराने में सफल रही है।
अब, जबकि जिला परिषद चुनाव में नागपुर ग्रामीण में उनके प्रभुत्व को कम करने के प्रयास चल रहे हैं। कई लोग इस बात से हैरान हैं कि एक भाजपा नेता ने उनके साथ गठबंधन कैसे कर लिया। दिलचस्प बात यह है कि महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान तत्कालीन भाजपा विधायक टेकचंद सावकर ने केदार के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई थीं।