चंद्रपुर. वर्ष 2022 बीत तो गया लेकिन बीते वर्ष के 365 दिनों में से सिर्फ 29 दिनों का अपवाद छोड़ अन्य सभीं 336 दिन जिले में प्रदूषण की दृष्टि से चिंताजनक रहे. पर्यावरण का अध्ययन करने वाली स्थानीय ग्रीन प्लेनेट सोसायटी ने यहां केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा घोषित आंकड़ों का अध्ययन कर दिए गए ब्यौरे के अनुसार जिले में बीता वर्ष 2021 के मुकाबले सर्वाधिक रूप से प्रदूषण भरा रहा. सोसायटी ने दावा करते हुए कहा है कि, जिले में बीते वर्ष कुल 365 में से सिर्फ 29 दिन ही जिले के नागरिकों को स्वास्थ्यकर और शुद्ध हवा का लाभ मिला, शेष 336 में से 150 दिन प्रदूषण की दृष्टि से घातक तथा 22 दिन तो सर्वाधिक घातक साबित हुए.
सोसायटी ने कहा है कि, जिले में प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी चंद्रपुर, घुग्घुस, राजुरा जैसे औद्योगिक क्षेत्र सर्वाधिक रूप से प्रदूषित साबित हुए. उन्होंने यह भी कहा है कि, आम तौर पर जिले में वर्षा काल के दौरान कम प्रदूषण देखा जाता रहा है, किंतु वर्ष 2022 में जुलाई, अगस्त, सितंबर जैसे वर्षाकालीन माह में भी कई दिन प्रदूषण भरे साबित हुए. जून, जुलाई माह में सभीं दिन, अगस्त में 31 में से 27 तथा सितंबर में 31 में से 17 दिन प्रदूषणयुक्त पाए गए.
सोसायटी ने आगे कहा है कि, शीत काल भी आम तौर पर स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर माना जाता है, किंतु जिले में प्रदूषण ने शीत कालीन दिनों को भी नहीं बख्शा है, जिले में अक्टूबर के 31 में से 23, नवंबर और दिसंबर में क्रमशः सभीं 30 और 31 दिन प्रदूषण भरे रहे. यही हाल ग्रीष्म काल का भी रहा. ग्रीष्मकाल में तीनों माह के कुल 120 दिनों में से सभीं दिनों में प्रदूषण चिंताजनक रूप तक देखा गया.
सोसायटी के अध्ययन के मुताबिक जिले में सर्वाधिक प्रदूषण के लिए चंद्रपुर ताप बिजलीघर जिम्मेदार है, अन्य औद्योगिक प्रदूषण के साथ साथ ही जिले में वाहनों की व्यस्ततम यातायात भी इसके लिए उतनी ही जिम्मेदार है.
उन्होंने कहा है कि, जिले में विगत 10 वर्ष से स्वास्थ्य संबंधी सर्वेक्षण नहीं हुआ है, पिछला स्वास्थ सर्वे वर्ष 2005 में हुआ था. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जिले में श्वसन संबंधी शिकायतों वाले मरीजों की संख्या प्रतिवर्ष बढती ही जा रही है. जिले में मरीजों में दमा, अस्थमा, टीबी, कैंसर, त्वचा रोग, नेत्र रोग के केसेस बढ़ते दिखाई दे रहे है, इसके लिए मुख्यतः बढ़ता प्रदूषण ही जिम्मेदार है.