विरोध प्रदर्शन करते MVA कार्यकर्ता (फोटो नवभारत)
MVA Protest In Chandrapur: महाराष्ट्र सरकार द्वारा मानसून सत्र में पेश किए गए जन सुरक्षा विधेयक 2024 के विरोध में बुधवार को महाविकास आघाड़ी ने चंद्रपुर के गांधी चौक पर जाेरदार विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया गया कि यह विधेयक लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करता है और सत्तावादी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है। विपक्ष ने इस कानून को ‘काला कानून’ करार दिया है।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सुभाष धोटे, कांग्रेस शहर जिला अध्यक्ष रितेश रामू तिवारी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के राजेंद्र वैद्य, महिला जिला अध्यक्ष बेबी उइके, शिवसेना (यूबीटी) के सुरेश पचारे, कम्युनिस्ट पार्टी के अरुण भेलके के साथ ही महाविकास आघाड़ी में शामिल सभी दलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इस विरोध प्रदर्शन में मौजूद थे।
विरोध प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि यह जन सुरक्षा कानून संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता है। मौजूदा कानूनों के माध्यम से सुरक्षा प्रबंधन संभव है, इसलिए नए कानून की कोई आवश्यकता नहीं थी।
यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र में बदलेगी सरकारी स्कूलों की तकदीर, खुलेंगे CM श्री स्कूल, मंत्री पंकज भोयर ने किया ऐलान
इस कानून का इस्तेमाल नक्सलियों के नाम पर लोगों की आवाज दबाने के लिए किया जाएगा। सरकार और प्रशासन के खिलाफ बोलने वालों को जेल में डालने के लिए इस कानून का दुरुपयोग किया जाएगा। इस समय जन सुरक्षा कानून को तत्काल निरस्त करने की पुरजोर मांग की गई। चेतावनी दी गई कि अगर यह कानून वापस नहीं लिया गया तो पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधानमंडल के दोनों सदनों से वामपंथी उग्रवादी संगठनों की गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने संबंधी विधेयक पास हो गया है। महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक को गृह राज्य मंत्री (शहरी) योगेश कदम ने राज्य विधान परिषद में पेश किया।
इस विधेयक को लेकर विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। विधान परिषद में विधेयक पेश होने के बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट करते हुए सभापति को असहमति पत्र सौंपा। इसके बाद इसे बहुमत से पास कर दिया गया।