चंद्रपुर. जिवती तहसील में बुनियादी मांगों को लेकर बीआरएस 27 फरवरी से केंद्र सरकार के वन विभाग के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर है. चौथा दिन होने के बावजूद आंदोलन पर ध्यान नहीं देने से हड़ताल जारी है.
जिवती तहसील को वन विभाग से हटाकर राजस्व विभाग में स्थानांतरित किया जाए, जिवती तहसील के सभी किसानों को कृषि भूमि के पट्टे दिए जाएं, घरकुल योजना जैसी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के वन विभाग के खिलाफ बीआरएस की राजुरा विधानसभा जिवती नगर पंचायत क्षेत्र में तुरंत दिया जाना चाहिए, जिवती तहसील में वन विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र की शर्त को रद्द किया जाना चाहिए आदि मांगों को लेकर केंद्र सरकार के वनविभाग के खिलाफ बीआरएस के राजुरा विधानसभा नेता भूषण फुसे के नेतृत्व में 27 फरवरी से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू किया गया है.
बालाजी हजारे, नामदेव कोडापे, बालाजी आत्राम और रमेश आडे आदि आमरण अनशन पर बैठे हैं. जिवती तहसील की विभिन्न बुनियादी मांगों के लिए, बीआरएस ने 19 फरवरी से हड़ताल का आह्वान किया. आंदोलन के दौरान जिवती के तहसीलदार ने नोटिस की दखल लेकर विरोध स्थल का दौरा किया और मांगों को पूरा करने का वादा किया, लेकिन चूंकि मामले वन विभाग केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है.
इसलिए बीआरएस ने केंद्र सरकार के वन विभाग के खिलाफ 27 फरवरी 2024 से बेमीयादी अनशन की भूमिका ली है. यह आंदोलन अभीभी जारी है. बीआरएस नेता भूषण फुसे ने रुख अपनाया है कि जब तक जिवती तहसील के किसानों और नागरिकों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वह अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे.