महायुति (फोटो: पीटीआई)
मुंबई. लोकसभा चुनाव में खासकर महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निराशाजनक प्रदर्शन से महायुति में शामिल शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार) उत्साहित हैं। दोनों गुट दबाव तंत्र का इस्तेमाल करते हुए 80 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व ज्यादा सीटों पर लड़ने के बाद कम सीटों में मिली जीत से बिलकुल भी निराश नहीं है। यह पहले से ही तय माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ही बड़े भाई की भूमिका में रहेगी। अब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं को साफ निर्देश दे दिया है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 180 उम्मीदवार लड़ाने ही होंगे। अर्थात महायुति में खटपट तय मानी जा रही है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में मिली हार का बीजेपी विधानसभा चुनाव में बदला लेना चाहती है। इसके लिए बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मिशन महाराष्ट्र विधान सभा के लिए अभी से तैयारियों में जुट गया है। बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश प्रभारी व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव एवं सह-प्रभारी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव महाराष्ट्र के बीजेपी नेताओं के साथ लगातार मंथन में लगे हुए। यादव और वैष्णव ने महाराष्ट्र के नेताओं को बता दिया है कि केंद्रीय नेतृत्व की इच्छा महाराष्ट्र की कम से कम 180 विधानसभा सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को उतारने की है।
बीजेपी के 180 सीटों पर दावे से महायुति में शामिल अन्य दलों के लोग सकते में हैं। क्योंकि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से यदि 180 बीजेपी ले लेगी तो महायुति में शामिल शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार) आरपीआई (आठवले), रासप, शेकाप व अन्य को हैसियत के आधार पर बची हुई 108 विधानसभा सीटों में हिस्सेदारी मिलेगी। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार) पहले ही कम से कम 90 सीटों पर अपना दावा ठोंक चुका है। जबकि लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट के हिसाब से शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) भी 90 से अधिक सीटों की मांग कर चुका है। जबकि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) व राष्ट्रीय समाज पक्ष (रासप) भी 8 से 10 सीटों की मांग अपनी पार्टी के लिए कर चुके हैं।
गौरतलब है कि सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में 17 सीट जीती। भाजपा ने नौ, शिवसेना ने सात और एनसीपी ने मात्र एक सीट जीती है। वहीं, कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) वाले विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने 30 सीटों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया।