बारिश (सोर्स: सोशल मीडिया)
Vidarbha Weather Update: भंडारा जिले का मौसम 24 सितंबर को अचानक बदल गया। सुबह से ही आसमान पर काले बादल छाए रहे, हालांकि बारिश जैसी स्थिति नहीं बनी। उमस का दौर बरकरार रहा। लोग पसीने से तरबतर होते रहे हैं। इसके पहले 22 और 23 सितंबर को तेज धूप ने लोगों को बेहाल कर दिया था। दोनों दिन जमकर सूरज ने आग उगली।
अब आसमान पर छाए बादलों से यह स्पष्ट हो रहा है कि जिले में लौटते मानसून का असर शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिनों से कहीं-कहीं हल्की बरसात दर्ज की गई है, लेकिन जोरदार वर्षा अब तक नहीं हुई है। इस बीच मौसम विभाग ने पूर्व विदर्भ में 26 से 30 सितंबर के बीच भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।
आमतौर पर दशहरा के अवसर पर भंडारा जिले में धान कटाई का मौसम शुरू हो जाता है। इस वर्ष भी हल्के धान की फसल अगले एक-डेढ़ सप्ताह में तैयार होने वाली है। यदि मौसम साफ रहा तो किसान समय पर उपज काट सकेंगे, लेकिन अगर बारिश हुई तो कटाई का समय टल सकता है। जिले के अनेक स्थानों पर हल्के धान की फसल अंतिम चरण में है।
ऐसे में भारी वर्षा का अलर्ट किसानों के लिए चिंता का विषय है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि वापसी के मानसून की सक्रियता को देखते हुए कटाई का समय सावधानी से तय करना जरूरी है। थोड़ी सी चूक भी खेत में खड़ी फसल पर भारी पड़ सकती है, खासकर हल्के धान के मामले को लेकर किसानों को सावधान रहना होगा। धान किसानों के साथ-साथ सब्जी उत्पादकों को भी मौसम ने कठिनाई में डाल दिया है।
मौसम विभाग के अनुसार पूर्व विदर्भ से मानसून की विदाई 18 अक्टूबर तक संभव है। इस दौरान विदाई के समय तेज हवाओं और बरसात का सामना भी करना पड़ सकता है। विभाग ने संकेत दिया है कि इस स्थिति से मध्यम और भारी किस्म के धान को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
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कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे मौसम पूर्वानुमान पर विशेष ध्यान दें और कटाई का समय उसी के अनुसार तय करें। खेत में कटी हुई उपज को खुले में न छोड़ें तथा समय पर भंडारण की उचित व्यवस्था करें।
निरंतर बदलते मौसम की वजह से हर तरफ बीमारियों का कहर नजर आ रहा है। बुखार, सर्दी के मरीज सर्वाधिक दिखाई दे रहे है। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में काफी बढोत्तरी है। बदरिले मौसम की वजह से सब्जी और विविध फसलों पर की कीट प्रकोप का असर देखा जा रहा है। कृषि विभाग ने किसानों से सावधानी बरतने की सलाह दी है।