प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Bhandara District Hospital 2021 Fire Accident: राजस्थान के जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल में आग लगने घटना में 8 लोगों की मौत हो गई। इस घटना ने महाराष्ट्र के भंडारा में जिला अस्पताल में हुई खाैफनाक आगजनी की घटना के जख्मों को ताजा कर दिया। भंडारा हादसे में 10 मासूमाें को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात आग लगने की घटना हुई। आग ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित ICU वार्ड में तेजी से फैल गई। इस वार्ड में 24 गंभीर मरीज भर्ती थे। इस हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
आग और जहरीली गैसें फैलने पर अस्पताल के कर्मचारी और तीमारदार तुरंत हरकत में आए और मरीजों को बाहर निकालने लगे। बावजूद इसके, कम से कम 8 मरीज दम घुटने से मारे गए, जबकि कई अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। एसएमएस हॉस्पिटल के ट्रॉमा प्रभारी ने बताया कि आग ट्रॉमा ICU में शॉर्ट सर्किट के कारण भड़की और जहरीली गैसें फैल गईं।
ऐसी ही घटना महाराष्ट्र के भंडारा के जिला अस्पताल में जनवरी 2021 में हुई थी। तब जिला अस्पताल के नवजात वार्ड में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई थींं।
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भंडारा जिले में SNCU (Sick Newborn Care Unit) में आग लग गई थी। इस वार्ड में कुल 17 नवजात बच्चे भर्ती थे। ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने वार्ड में धुआं उठते देखा और तुरंत अस्पताल अधिकारियों को सूचित किया। फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
इस प्रयास में 7 नवजात बच्चों को बचाया गया, लेकिन 10 बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी। आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया। इस वार्ड में वे नवजात बच्चे रहते हैं, जिनका वजन कम होता है और जिन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
दोनों हादसों ने अस्पतालों में सुरक्षा और आपातकालीन प्रोटोकॉल की कमी उजागर कर दी है। भंडारा और जयपुर दोनों ही घटनाओं में देखा गया कि अगर समय पर दमकल और रेस्क्यू टीम नहीं पहुंचती, तो और अधिक जानें जा सकती थीं। इन घटनाओं ने यह भी साबित कर दिया कि अस्पतालों में बिजली उपकरणों की नियमित जांच, आग बुझाने की व्यवस्था और सुरक्षा मानकों का पालन कितना महत्वपूर्ण है।