औषध निर्माण विज्ञान में युवाओं का रुझान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: हर वर्ष 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में फार्मासिस्ट का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। दवाओं की उपलब्धता, गुणवत्ता नियंत्रण और सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध कराना उनकी प्रमुख जिम्मेदारी है। आज फार्मास्युटिकल उद्योग विश्व के सबसे तेजी से प्रगति करने वाले क्षेत्रों में से एक बन चुका है। आधुनिक शोध, उन्नत उपचार पद्धतियाँ और नई दवा निर्माण तकनीक के कारण इस क्षेत्र ने बीते कुछ दशकों में बड़ी प्रगति की है। आधुनिक विज्ञान और तकनीक की मदद से फार्मा क्षेत्र में निरंतर प्रयोग और अनुसंधान हो रहे हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और जैव-प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ने से नई दवाओं, निदान उपकरणों और उपचार पद्धतियों का विकास तेज़ी से हो रहा है। आज की स्वास्थ्य सेवा पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकलकर स्मार्ट उपकरणों और आधुनिक तकनीकों को अपना रही है। हृदयगति, नाड़ी दर और श्वसन प्रक्रिया जांचने वाले उपकरण, व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा देने वाले हेल्थकेयर बॉट्स और रक्तचाप व शुगर जांचने वाले पोर्टेबल किट्स इसका उदाहरण हैं। फार्मेसी क्षेत्र में करियर बनाने के लिए डिप्लोमा इन फार्मेसी, बीफार्मा, एमफार्मा, एमएस इन फार्मास्युटिकल साइंस और पीएचडी जैसे पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इनसे छात्र दवा निर्माण, शोध, गुणवत्ता नियंत्रण और स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं।
फार्मेसी स्नातकों के लिए रोजगार की अनेक संभावनाएं हैं। अस्पताल, दवा निर्माण कंपनियां, अनुसंधान संस्थान और जैव-तकनीकी प्रयोगशालाओं में लगातार कुशल पेशेवरों की आवश्यकता रहती है। औषध निरीक्षक, हॉस्पिटल फार्मासिस्ट, गुणवत्ता अधिकारी, उत्पादन कार्यकारी, शोध वैज्ञानिक और उद्यमी के रूप में करियर बनाया जा सकता है। केवल भंडारा जिले में ही 6 फार्मेसी महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं, जहां से हर वर्ष बड़ी संख्या में छात्र स्नातक हो रहे हैं। इससे स्थानीय युवाओं का रुझान औषध निर्माण विज्ञान की ओर बढ़ रहा है और रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं।
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अनुराग फार्मेसी महाविद्यालय, वरठी के प्राचार्य सचिन लोहे ने कहा कि आने वाले वर्षों में फार्मा उद्योग और अधिक व्यापक होगा। चिकित्सा तकनीक में नवाचार, जीन शोध और एआई का उपयोग बढ़ने से प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ती जाएगी। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव कांतिकुमार ढेंगे ने बताया कि विश्व फार्मासिस्ट दिवस इस क्षेत्र के महत्व को दर्शाता है। फार्मेसी केवल करियर का साधन नहीं, बल्कि स्वस्थ समाज निर्माण का आधार है। यदि चुनौतियों का संतुलन साधते हुए प्रयास किए जाएं तो युवाओं के लिए यह क्षेत्र उज्ज्वल भविष्य का मार्ग खोलेगा।