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लाखांदूर. सरकार के बुनियादी धान खरिदी केंद्रों के तहत इस वर्ष खरिफ में खरिदे गए धान के चुकारे कुल 2 माह से अदा नहीं किए गए है. जिसके कारण तहसील में बुआई किए जा रहे रबी धान फसल पर आर्थिक संकट होने का आरोप लगाया गया है. उक्त आरोप तहसील के हजारों धान उत्पादक किसानों ने लगाकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ तिव्र नाराजगी व्यक्त की जा रही है.
सरकार के न्यूनतम समर्थन मुल्य योजना के तहत इस वर्ष तहसील के 25 बुनियादी धान खरिदी केंद्रों के तहत लाखों क़्विंटल धान की खरिदी की गई थी. उक्त खरिदी 8 फरवरी तक किए जाने की जानकारी मिली है.
हालांकि इस खरिदी के अनुसार 29 जनवरी तक बुनियादी खरिदी केंद्रों के तहत खरिदे गए धान के किसानों को चुकारे अदा किए जाने की जानकारी दी गई है. जबकी शेष 8 फरवरी तक खरिदे गए धान के चुकारे बकाया होने से किसानों में आर्थिक संकट होने का आरोप लगाया गया है.
स्थानीय लाखांदूर तहसील के लगभग 7 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हर वर्ष रबी धान फसल की बुआई की जाती है. हालांकि उक्त बुआई कृषी बिजली पंप व इटियाडोह बांध सिंचाई सुविधा के तहत की जाती है. इस बीच इस वर्ष तहसील के विभिन्न क्षेत्र में विभिन्न सिंचाई सुविधा के तहत रबी धान फसल बुआई तेजी से की जा रही है.
किंतु खरिफ के तहत सरकार के बुनियादी केंद्रों द्वारा खरिदे गए धान के चुकारे अदा नहीं किए जाने से बुआई हूए रबी धान फसल पर खाद, मरम्मत व मजदुरो की मजदुरी आदी विभिन्न समस्या सुलझाने में आर्थिक संकट की बाधाए आने का आरोप लगाया जा रहा है.
बुनियादी केंद्रों के तहत खरिदे गए धान के किसानों को चुकारे अदा नहीं होने से पिछले खरिफ के दौरान किसानों द्वारा उठाई किए गए फसल कर्ज का भुगतान नहीं किया गया है. जिसके कारण किसानों को रबी फसल के तहत फसल कर्ज उठाई में विभिन्न समस्याओं का सामना करने का आरोप लगाया गया है.
इस स्थिति में सरकार व प्रशासन ने तुरंत दखल लेकर पिछले दो माह से खरिफ के तहत बकाया धान चुकारे अदा होने के लिए आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई है.