गड्ढों का हाल बेहाल (सौजन्य-नवभारत)
Bhandara News: भंडारा जिले की पहचान आज गड्ढों के शहर के रूप में बन चुकी है। एक ओर वैनगंगा के घाटों की रेती ने महाराष्ट्र को समृद्ध बनाया है, तो दूसरी ओर इन्हीं रेत से दौड़ने वाले ओवरलोड ट्रकों ने भंडारा की सड़कों को बर्बाद कर दिया है। ऐसे गड्ढों के शहर में सोमवार को नए कलेक्टर सावन कुमार और मंगलवार को नए पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने पदभार संभाला जिनसे शहर और जिले की जनता को नई उम्मीदें हैं।
इस बदलाव से शहर और जिले का रंग रूप कैसे बदलता है यह देखना होगा। सोमवार को जिले के नए कलेक्टर सावन कुमार ने पदभार संभाला। नंदुरबार से तबादला होकर आए आईएएस अधिकारी सावन कुमार ने पहले गोंदिया जिले में प्रशिक्षण पूरा किया था। आईआईटी मुंबई से स्नातक रहे कुमार जिले की समस्याओं से भलीभांति परिचित हैं।
पदभार ग्रहण करने के बाद अनौपचारिक चर्चा में पत्रकारों ने उन्हें शहर की ज्वलंत समस्याओं से अवगत कराया। मंगलवार को राज्य सरकार ने डॉ. पंकज भोयर को भंडारा जिले का नया पालकमंत्री नियुक्त किया है। भोयर वर्तमान में गृह (ग्रामीण), गृहनिर्माण, शालेय शिक्षा, सहकार और खनिकर्म विभाग के राज्य मंत्री हैं।
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नए पालकमंत्री और नए कलेक्टर के आगमन से शहरवासियों की उम्मीदें फिर से जाग उठी हैं। नागरिकों का मानना है कि यदि प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर काम करें, तो भंडारा के गड्ढों से भरे हालात बदल सकते हैं और विकास की गाड़ी नई गति पकड़ सकती है।
जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचल तक सड़कों की हालत दयनीय है। तुमसर बायपास और कारधा तुमसर जोड़ मार्ग तो मानो मौत के कुओं जैसे गहरे गड्ढों से भर चुका है। नगर परिषद के प्रशासक मुख्याधिकारी से लेकर लोक निर्माण विभाग के विभागीय अधिकारियों तक, इस समस्या पर किसी का ध्यान नहीं है। नतीजतन, शहरवासी गड्ढों के बीच ही जीने को अभ्यस्त हो चुके हैं।