महादेव मुंडे परिवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Mahadev Munde Murder Case : महाराष्ट्र का बीड जिला आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है। मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख के मर्डर केस को लेकर सुर्खियों में आने के बाद अब परली के व्यवसायी महादेव मुंडे की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। महादेव मुंडे की हत्या को 18 महीने हो गए हैं, लेकिन आरोपी अभी भी फरार हैं। न्याय की गुहार लगाते परिवार को अभी तक न्याय नहीं मिल सका है।
अपने पति को खो चुकी महादेव मुंडे की पत्नी ज्ञानेश्वरी मुंडे पिछले कई दिनों से न्याय की गुहार लगा रही हैं, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में ज्ञानेश्वरी ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की, जबकि उनके परिवार के सदस्यों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया।
हालांकि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने पेट्रोल की बोतल छीन कर उसे जब्त कर लिया। ज्ञानेश्वरी को बेहोशी की हालत में बीड जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां आईसीयू में उनका इलाज चल रहा है। कार्रवाई न होने पर उठाया कदम पिछले कई महीनों से महादेव मुंडे की पत्नी और उनका परिवार न्याय की गुहार लगा कर पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहा था।
मार्च महीने में महादेव की पत्नी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी थीं। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस आयुक्त चेतना तिडके ने आश्वासन दिया था कि एक महीने के अंदर आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में तंग आकर बुधवार को ज्ञानेश्वरी व परिवार के सदस्य आक्रामक हो गए और उन्होंने आत्मदाह का प्रयास किया।
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एनसीपी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि महादेव मुंडे हत्याकांड को डेढ़ साल से ज्यादा समय बीत चुका है। अभी तक एक भी हत्यारे को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जा सका है। मुंडे परिवार का आरोप है कि जांच में देरी हो रही है। परिवार को मजबूरी में आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ रहा है। यह बेहद चिंताजनक है कि मारे गए व्यक्ति के परिवारों को न्याय के लिए व्यवस्था की दीवारें तोड़नी पड़ रही हैं। सरकार को तुरंत इसका संज्ञान लेना चाहिए।