मनोज जरांगे-सुरेश धस- संजय राउत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: उप मुख्यमंत्री अजित पवार की राकां के कोटे से महायुति सरकार में मंत्री बने धनंजय मुंडे से गुप्त मुलाकात बीजेपी विधायक सुरेश धस के लिए गले की हड्डी बन गई है। इससे बीड जिले के मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख की नृशंस हत्या मामले को मजबूती से उठानेवाले विधायक धस की अपनी साख धंस गई है। क्योंकि धस ने सरपंच मर्डर केस मामले में मुंडे को भी कठघरे में खड़ा किया था। इस वजह से धस के साहस की सराहना करनेवाले लोग अब उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
संतोष देशमुख की अपहरण के बाद बेरहमी से हत्या किए जाने के मामले को विधायक धस पिछले लगभग दो महीने से मजबूती से उठा रहे थे। धस के प्रयासों के कारण ही पुलिस धनंजय का दांया हाथ माने जानेवाले वाल्मिक कराड को गिरफ्तार करने को मजबूर हुई। कराड की गिरफ्तारी के बाद भी धस ने सरपंच हत्या मामले को उठाना जारी रखा। उनके प्रखर विरोध के कारण धनंजय मुंडे की मंत्रिमंडल से हकालपट्टी की मांग जोर पकड़ने लगी।
उनको मंत्री पद से नहीं हटाए जाने के कारण उप मुख्यमंत्री अजित पवार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी विपक्ष ने हमला बोलना शुरू कर दिया है। लेकिन इसी बीच धस की धनंजय से गुप्त मीटिंग की खबर मीडिया में लीक कर दी गई। बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अपनी उपस्थिति में धस और धनंजय की मुलाकात की पुष्टि की। तो खुद धस भी धनंजय से मुलाकात की बात से इनकार नहीं कर पाए। धस के कबूलनामे के बाद समाज सेवी अंजली दमानिया, मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे एवं शिवसेना उद्धव गुट के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने भी धस पर निशाना साधा है।
मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे पाटिल ने कहा, सुरेश धस से ऐसी उम्मीद नहीं थी। धनंजय मुंडे जैसे क्रूर व्यक्ति से मिलकर विश्वासघात किया है। धस राजनीतिक दबाव में आ गए होंगे। लेकिन इससे उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई। धस को इससे बचना चाहिए था। उनका उन्हें मुबारक। अब उन्हें जो कुछ कहना है जनता को जाकर बताएं।
शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा मुझे लगा था कि सुरेश धस, संतोष देशमुख हत्या मामले में लड़ाई का नेतृत्व करेंगे और देशमुख परिवार को न्याय दिलाएंगे। लेकिन उस समय बीड के कुछ लोगों ने मुझसे कहा था आप धस का पक्ष न लें। धस कभी भी पलट जाएंगे। लोग ये भी कह रहे थे कि आमतौर पर सिक्के के दो पहलू होते हैं, लेकिन इस सिक्के के तीन पहलू हैं। सुरेश धस, वाल्मिक कराड और धनंजय मुंडे एक ही हैं। वह अपने स्वार्थ के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन मैंने विश्वास नहीं किया।
महाराष्ट्र से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
उन्होंने आगे कहा मुझे दुख है कि धस ने देशमुख परिवार के आंसुओं का बाजार बनाकर उसका व्यापार किया। वह छोटी बच्ची और वहां के गरीब लोग न्याय के लिए धस के पीछे भाग रहे थे। सोच रहे थे कि यह आदमी हमें न्याय दिलाएगा। लेकिन यदि धस ने धोखा दिया तो भगवान उसे माफ नहीं करेंगे। उन्होंने झूठ बोला और देशमुख परिवार की पीठ में छुरा घोंपा तो बीड ही नहीं बल्कि राज्य के लोग इसे याद रखेंगे।