शिवाजीनगर अंडरपास (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar: बारिश के मौसम में शिवाजीनगर अंडरपास पर जलजलाव के चलते नागरिकों को अनंत दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इसे लेकर अब प्रशासन सतर्क हो गया है।
शहर के शिवाजीनगर से देवलाई चौक अंडरपास मार्ग के किनारे नई जलापूर्ति योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम शीघ्र शुरू होने जा रहा है। महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने ठेकेदार जीवीपीआर कंपनी को कार्य आरंभ कर 5 नवंबर तक पूरा करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
मजीप्रा के अनुसार, पाइपलाइन बिछाने का पूरा कार्य तीन सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। काम समय पर पूरा करने और यातायात जाम की समस्या न बडे, इसके लिए प्रशासन, मजीप्रा व यातायात विभाग के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। शिवाजीनगर से देवलाई चौक के बीच यह अंडरपास शहर का एक प्रमुख यातायात मार्ग है। इसे देखते हुए यातायात व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस परियोजना के तहत 52 मीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
इस मार्ग से रोजाना हजारों वाहन गुजरने से काम शुरू होने के बाद कुछ समय के लिए यातायात जाम की स्थिति बन सकती है। ऐसे में नागरिकों से संयम बरतने व सहयोग करने की अपील की गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि थोड़ी सी असुविधा के बदले नागरिकों को दीर्घकालीन लाभमिलेगा, क्योकि इस परियोजना से शहर की जलापूर्ति व्यवस्था अधिक बेहतर हो जाएगी।
शहर में यातायात सुचारु बनाए रखने के लिए पुलिस आयुक्त प्रवीण पवार ने विशेष अधिसूचना जारी की है। यातायात शाखा ने वैकल्पिक मागों का पूरा खाका तैयार कर लिया है, ताकि बारिश की स्थिति में तत्काल यातायात को मोड़ा जा सके। अगर इस मार्ग पर ट्रैफिक बंद किया गया, तो शिवाजीनगर व बीड़ बाईपास क्षेत्र के नागरिकों को करीब 5 से 6 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ेगा। दो मिनट की दूरी के लिए इतना लंबा रास्ता तय करने से नागरिकों में बेहद नाराजगी देखी जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले मरम्मत कार्य में डेढ़ साल तक परेशानी झेलने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ। अब फिर से नया काम शुरू हो रहा है तो, कब तक यह असुविधा झेलनी पड़ेगी?’ यह सवाल भी वे पूछ रहे हैं।
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यदि काम के दौरान तेज बारिश होती है, तो नागरिकों की सुरक्षा के लिए अंडरवास पर यातायात अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा, मजीप्रा अधिकारियों ने बताया कि कार्यकारी अभियंता की निगरानी में यह पूरा काम किया जाएगा व सभी तकनीकी मंजूरी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी है। यातायात मार्ग में परिवर्तन होने से कोई दिक्कत न आने का ध्यान दिया है।