ठंडी का मौसम (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar: मराठवाड़ा संभाग में बारिश अब लगभग थम चुकी है और मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिवाली के तुरंत बाद ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ेगा। इस बार सर्दी बीते एक सदी से भी अधिक ठंडी होने की आशंका जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालय का 86 प्रतिशत हिस्सा फिलहाल बर्फ से ढका हुआ है, जो पिछले कई वर्षों की तुलना में कहीं अधिक है। इस वजह से उत्तर भारत से लेकर महाराष्ट्र तक तापमान में तीव गिरावट दर्ज की जाएगी, इस साल की सर्दी पिछले 110 वर्षों में तीसरी सबसे ठंडी हो सकती है।
बता दें कि छत्रपति संभाजीनगर में पिछले आठ दिनों से अधिकतम तापमान 30 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। दिन में हल्की गर्मी और रात में ठंडी हवा का असर महसूस किया जा रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिवाली के आसपास हल्की बारिश के बाद तापमान में अचानक गिरावट आएगी और इसके बाद ठंड का सिलसिला शुरू होगा।
शीतलहर का असर जहां जनजीवन पर पड़ेगा, वहीं इसका सीधा प्रभाव फसलों पर भी देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों ने किसानों से गेहूं, चना और सब्जियों जैसी रबी फसलों को पाले से बचाने की सलाह दी है। वहीं, बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है।
शहर में स्वेटर, मफलर, दस्ताने और कंबलों की बिक्री अचानक तेज हो गई है। लोग अलमारी से अपने गरम कपड़े निकालने लगे हैं। दुकानदारों के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में ऊनी वखों की बिक्री में 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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मौसम विज्ञानी प्रो। पंजाबराव डख के अनुसार, इस साल जनवरी के मध्य तक कड़ाके की शीतलहर बनी रह सकती है। प्रशांत महासागर में पानी का तापमान सामान्य से कम है, जिसका असर सीधे भारत के मौसम पर पड़ रहा है। यही कारण है कि इस वर्ष की सर्दी पिछले 110 वर्षों में तीसरी सबसे ठंडी हो सकती है।