गोवंश तस्करी (सौ. सोशल मीडिया )
Jalna News In Hindi: पालतू और वन्य प्राणियों की सुरक्षा की लेकर जिलाधिकारी आशिमा निराल ने कहा कि नागरिकों में करुणा और दया भाव हीना आवश्यक है। गोवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए समाज का सहयोग अनिवार्य है।
इसलिए जिले में प्राणी अत्याचार पर रोक लगाने के लिए प्राणी कल्याण कानून का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जिला प्राणी क्लेष प्रतिबंधक सोसायटी की त्रैमासिक बैठक मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक को अध्यक्षता मिलाधिकारी आशिमा सितल ने की। इस अवसर पर जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिरीष बनसोडे, पशुसंवर्धन एवं दुग्ध व्यवसाय उपायुक्त डॉ। प्रशांत चौधरी, सहायक आयुक्त डॉ संदीप पाटील समेत संबंधित विभागों के सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित रहे।
बैठक में हा पंश्क्षिठी और प्रशाली पर निबंध संबंधी वधान, महाराष्ट्र प्राणी संरक्षण कानून 1976, महाराष्ट्र प्राणी संरक्षण (संशोधन) अधिनियम 1995 तथा सेवश वय पर प्रतिक्षय की जानकारी दी गई, प्यूरातनंन एवं दुग्न आवसाय उखश्न शान बौधरी ने बताया कि मार्च 2013 से राज्य में राय बड़ा बैल सहित पूरे विभाग ने वह पूर्ण मान जारी काना पूरी तरह बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं में गांव की अवैध हावा या परिवहन होता दिखे तो नागरिक नरदेवी पुलिस जवाने, पुलिस नियंत्रण थापनुसंवर्धन विभाग में तुरंत संपर्क करे की ओर ने शिकायत के लिए टोल-फ्री नंबर 800-233-2418 उपलब्ध कराया गया है साथ ही का भी साझा किया गया कि जाना के परिवहन खास्थ और परिवहन प्रमाए रखना अनिवार्य है। बैठक में प्राणी कल्याण से तुही विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से व्यों की गई।
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