छत्रपति संभाजी नगर (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhaji Nagar News In Hindi: दशहरे के त्योहार की रौनक अचानक मातम के अंधेरे में डूब गई। एक ओर, जहां पूरा देश अधर्म पर धर्म की विजय का जश्न मना रहा था, वहीं महाराष्ट्र के वालुज थाना क्षेत्र के लिंबे जलगांव गांव में गुरुवार की सुबह चार परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
दशहरे के दिन ही गांव के तालाब के बैंकवॉटर में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक चार नाबालिग बच्चों की डूबकर मौत हो गई। यह हृदय विदारक घटना न केवल चार घरों के चिराग बुझने का कारण बनी, बल्कि पूरे गांव को गहरे सदमे और सन्नाटे में छोड़ गई। मृतकों की पहचान वेंकटेश दत्तात्रेय तारक (11), इमरान इसाक शेख (12), जैन खान हयात खान पठान (9) और इरफान इसाक शेख (17) के रूप में हुई है, जो सभी लिंबे जलगांव के निवासी थे।
बताया जा रहा है कि सुबह करीब 8:30 बजे ये सभी लोग ट्रैक्टर धोने के लिए गांव के समीप स्थित तालाब में गए थे। जब वे देर तक वापस नहीं लौटे, तो परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की। कुछ ही देर में उनका डर हकीकत में बदल गया, जब बच्चों के शव पानी में तैरते मिले। परिजनों की चीख-पुकार के बीच वहाब जाहिद खान ने साहस दिखाया और खदान के पानी में उतरकर सभी शवों को बाहर निकाला।बच्चों को पहले निजी अस्पताल और फिर वैली अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही वालुज पुलिस के निरीक्षक राजेंद्र सहाने, पीएसआई संदीप वाम और सहायक फौजदार दशरथ खोसरे मौके पर पहुंचे और पंचनामा कर आगे की जांच शुरू की।
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दशहरे जैसे पवित्र पर्व पर हुई इस त्रासदी ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। किसी घर में पूजा नहीं हुई, ना ही कोई रावण दहन। चार बच्चों की एक साथ हुई मौत ने त्योहार को मातम में बदल दिया। गांव की हर गली में सन्नाटा पसरा रहा और आंखों में सिर्फ आंसू थे। प्रशासन और पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है, लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और अवैध खनन पर तत्काल रोक लगे, ताकि भविष्य में ऐसी कोई त्रासदी न हो।