UBT नेता अरविंद सावंत (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे ने एमवीए की एकता पर सवाल उठाया था। उन्होंने शिवसेना (UBT) के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में इस बात पर अफसोस जताया कि उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान अपने एमवीए सहयोगियों को वे सीट देनी पड़ीं, जो उसने पहले कई बार जीती थीं।
उद्धव ठाकरे ने कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के बेहतर प्रदर्शन के बाद का उत्साह विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टियों के खुद के जीतने पर केंद्रित व्यक्तिगत अहंकार में बदल गया, जो उनकी हार की वजह बनी।
शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे में देरी की वजह से इलेक्शन हार गए। अरविंद सावंत ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे का कहना बिल्कुल सही है। आखिरी वक्त तक हम सीट बंटवारे को लेकर ही लटकते रहे और जिसे टिकट मिली उसे प्रचार का भी बहुत कम समय मिला।
Delhi: On Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray’s statement regarding AAP, Shiv Sena (UBT) MP Arvind Sawant says, “He is absolutely right…” pic.twitter.com/VemPc1pxhD
— IANS (@ians_india) July 20, 2025
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शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, उद्धव ठाकरे का कहना सही है। टिकट बंटवारे में बहुत देर हुई। लोकसभा के चुनाव में हमें इतनी अच्छी सफलता मिली तो उससे हर किसी को लगने लगा कि विधानसभा चुनाव में हमें ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर बहुत चर्चा होती रही, निर्णय नहीं हो पाया। आखिरी तक हम उसमें ही लटकते रहे। जिसे टिकट मिली उसे प्रचार के लिए समय बहुत कम मिला। अंतिम वक्त में अपने को मिल रहा है कि नहीं, मालूम नहीं, तो उद्धव ठाकरे ने बिल्कुल सही कहा है।
शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अगर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की तरह सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन में देरी जैसी गलतियां फिर से की गईं तो MVA का क्या औचित्य रह जाएगा। पूर्व सीएम ठाकरे ने कहा, विधानसभा चुनाव के दौरान एमवीए के सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत आखिरी क्षण तक चली। इसकी वजह से जनता के बीच गलत संदेश गया।
उन्होंने ये भी कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के बेहतर प्रदर्शन के बाद का उत्साह विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टियों के खुद के जीतने पर केंद्रित व्यक्तिगत अहंकार में बदल गया, जो उनकी हार की वजह बनी। मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस बात को लेकर अफसोस जताया कि उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन सहयोगियों को वो सीट देनी पड़ीं, जिस पर उसने जीत हासिल की थी।