बाढ़ का खतरा (सौजन्य-सोशल मीडिया, कंसेप्ट फोटो)
अमरावती: केरल के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून ने महाराष्ट्र में भी समय से 12 दिन पहले दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने रविवार को कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों के लिए अगले कुछ दिनों तक मूसलाधार बारिश हो सकती है। रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग ज़िलों के साथ-साथ सातारा, पुणे और कोल्हापुर जिलों के घाट (पहाड़ी) इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मानसून के सीजन द्वारा दस्तक दे दिए जाने के चलते अमरावती जिला प्रशासन द्वारा मानसून पूर्व उपायों की तैयारियां की जा रही है। साथ ही हालात का जायजा लिया जा रहा है। जिले की 14 में से 9 तहसीलों के 482 गांवों को संभावित बाढ़ का खतरा है जिसके चलते ऐसे गांवों की ओर विशेष ध्यान देते हुए जिला स्तर पर 24 तथा तहसील स्तर पर 168 बचाव पथकों को अत्याधुनिक साहित्य के साथ सक्रिय किया गया है।
जिले में प्राकृतिक आपदा के चलते होने वाले नुकसान को टालने तथा नागरिकों के बचाव के लिए प्रति वर्ष जिला आपत्ति व्यवस्थापन द्वारा उपाय योजनाएं की जाती है। अतिवृष्टि की वजह से नदी व नालों में बाढ़ आकर गांवों एवं नागरिकों को होने वाला खतरा टालने तथा इससे उनका बचाव करने हेतु आपदा प्रबंधन ने पूर्व नियोजन किया है।
जिले के 11 गांवों को बड़ी नदियों की वजह से बाढ़ का खतरा है। वहीं यहां के 302 गांव छोटे नालों व नदियों की वजह से प्रभावित होते हैं, ऐसी स्थिति में संबंधित गांवों के नागरिकों हेतु पर्यायी व्यवस्था के तौर पर 686 अस्थायी निवास की व्यवस्था की गई है। साथ ही जिला स्तर पर 24 पथक व तहसील स्तर पर 168 पथक सक्रिय किए गए हैं। इसके अलावा 4 प्राथमिक उपचार विशेषज्ञ, 2 स्कूबा डाईवर्स, 50 मास्टर ट्रेनर, 126 गैर सरकारी संस्था, 300 आपदा मित्र व सखी तथा 42 रेडक्रॉस सोसायटी को भी तैयार रखा गया है।
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जिला आपदा व्यवस्थापन विभाग द्वारा विविध बचाव पथकों में 692 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। साथ ही तैराकी में महारथ हासिल करने वाले 1,928 लोगों को भी तैयार रखा गया है। इसके अलावा मोटरबोट, लाइफ जैकेट, मेगा फोन व बीओबी रोपस् सहित विविध अत्याधुनिक साहित्य भी तैयार रखे गए हैं।